भारत के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 से एक और दिल तोड़ने वाली खबर आ रही है. मेडल की प्रबल दावेदार वेटलिफ्टर मीराबाई चानू इतिहास रचने से बस एक कदम दूर रह गईं. बुधवार की रात 49 किलोवर्ग इवेंट में वो चौथे स्थान पर रहीं. टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट मीरबाई के पास ब्रॉन्ज जीतने के मौका था, लेकिन क्लीन एंड जर्क के अपने आखिरी प्रयास में वह 114 किलो वजन उठाने में असफल रहीं.
इतिहास रचने से चूक गईं मारीबाई
मीरबाई चानू ने स्नैच के अपने तीसरे प्रयास में 88 किलो का भार उठाया था. इसके बाद क्लीन एंड जर्क के अपने पहले प्रयास में वह 111 किलो वजन उठाने में असफल रहीं. दूसरे प्रयास में उन्होंने इतना ही वजन उठाकर खुद को मेडल की रेस में बनाए रखा. मगर तीसरे प्रयास में उनके हाथ से मेडल फिसल गया. अगर मीरबाई क्लीन एंड जर्क के अपने आखिरी प्रयास में 114 किलो का भार उठाने में सफल हो जातीं, तो वह ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लेतीं. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसी के साथ दो ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बनने से वह मामूली अंतर से चूक गईं.
मीरबाई ने कुल 199 किलो वजन उठाया. वहीं थाईलैंड की खंबाओ सुरोद्चना ने 200 किलो (स्नैच- 88, क्लीन एंड जर्क- 112) वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीता.
चीन की जिहुई ने 206 किलो वजन उठाकर जीता गोल्ड
विमेंस 49 किलो वेटलिफ्टिंग इवेंट में चीन की हू जिहुई ने रोमांचक अंदाज में अपना गोल्ड मेडल डिफेंड किया. उन्होंने क्लीन एंड जर्क के अपने आखिरी प्रयास में ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ 117 किलो वजन उठाया और रोमानिया की कैम्बेई मिहेला वेलेंटीना से गोल्ड छीन लिया. रोमानियाई वेटलिफ्टर को 205 किलो (स्नैच 93, क्लीन एंड जर्क- 112) वजन के साथ सिल्वर से संतोष करना पड़ा. हू जिहुई ने स्नैच में अपने दूसरे प्रयास में 89 किलो वजन उठाया था. वह तीसरे प्रयास में 93 किलो के लिए गईं, लेकिन सफल नहीं हो पाईं. हालांकि इसकी भरपाई उन्होंने क्लीन एंड जर्क में कर दी और गोल्ड मेडल जीत लिया.
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