डीएनए हिंदी: आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के स्टार पेसर मिचेल स्टार ने वनडे क्रिकेट में दोनों एंड से नई गेंदों के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं. वनडे क्रिकेट में काफी लंबे समय से दो नई गेंदों का इस्तेमान किया जा रहा है. आईसीसी ने इस नियम की शुरुआत साल 2011 में की थी. मिचेल स्टार्क से करीब पांच साल पहले यानी साल 2018 में क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी इस पर सवाल उठाए थे. आइए जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के इस तेज गेंदबाज ने क्या कहा है.
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क्रिकबज की एक खबर के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई पेसर मिचेल स्टार्क ने कहा, "मेरा मानना है कि वनडे क्रिकेट में दो नहीं सिर्फ एक गेंद होनी चाहिए. आमतौर पर गेंद काफी लंबे समय तक हार्ड रहती है. हमने देखा है कि मैदान सपाट हो गए हैं. वहीं अगर आप कुछ पुराने फुटेज देखें, तो जब वो एक गेंद से गेंदबाजी करते थे, तो उसमें रिवर्स स्विंग बहुत अधिक देखने को मिलती थी. इससे गेंदबाजों को खेल में वापस आने में मदद मिलती है. बता दें कि स्टार्क ने अपने करियर में सिर्फ दो ऐसे मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने एक गेंद से ही पूरा मैच खेला है."
उन्होंने आगे कहा, "अब ये बदले या नहीं बदले. हालांकि हो सकता है कि मेरे संन्यास लेने के बाद इसमें बदलाव हो जाए. लेकिन रिवर्स स्विंग को तलाशने में काफी वक्त लगता है. हालांकि इसका मतलब ये नहीं है कि रिवर्स स्विंग ख़त्म हो गई है. निश्चित रूप से ऐसे अभी भी विकेट या मैदान हैं, जो रिवर्स स्विंग और स्विंग को पैदा कर सकते हैं. मुझे लगता है कि पारी की शुरुआत में दो गेंदों की कारण गेंद स्विंग नहीं हो पाती है. वो शुरुआत में स्विंग करती हैं और जब तक परिस्थितियां अनुकूल नहीं होती है, तो वो बहुत लंबे समय तक स्विंग नहीं करती. अगर कुछ भी हो तो अंत तक बल्लेबाज़ों के लिए अच्छे बना रहता है."
उन्होंने और आगे कहा, "इसी वजह एक गेंद से रिवर्स स्विंग होने का मौका होता है. मुझे लगता है कि हमने टूर्नामेंट के दौरान इनमें से कुछ मैदानों परओस देखी है, जो रिवर्स स्विंग नहीं होने देती है. ऐसे में गेंदें ओस के कारण काफी गीली हो जाती है. मेरा मानना है कि वनडे क्रिकेट में दो नहीं सिर्फ एक गेंद होनी चाहिए." बता दें कि स्टार से पहले भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने भी दो नई गेंदों के इस्तेमाल पर सवाल खड़े किए थे.
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