डीएनए हिंदी: गुरुवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने खेल मंत्रालय, SAI, BCCI, WFI और 15 राष्ट्रीय खेल संघों को कथित तौर पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए कानून के अनुसार कोई आंतरिक शिकायत समिति नहीं होने के कारण नोटिस जारी किया है. पिछले कई दिनों से भारतीय महिला पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही हैं. उन्होंने बृज भूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. महिला पहलवानों का साथ देने के लिए जंतर मंतर (Jantar Mantar Protest) पर ओंलपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) भी मौजूद हैं. वो लगातार सरकार और शीर्ष नेताओं से गुहार लगा रहे हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
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इसी सिलसिले में मानवाधिकार आयोग ने खेल मंत्रालय समेत 15 खेल संघों के खिलाफ नोटिस जारी किया. ये नोटिस बीसीसीआई को भी भेजा गया है. आपको बता दें कि महिला क्रिकेट टीम की कई सीनियर खिलाड़ियों ने रमेश पॉवार के खिलाफ यौन उत्पिड़न की शिकायत की थी. हालांकि बीसीसीआई ने उन्हें टीम कोचिंग स्टाफ से हटाकर नेशनल क्रिकेट एकेडमी में भेज दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम 2013 के तहत संघ में आंतरिक शिकायत समिति अनिवार्य है लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ में कोई भी आंतरिक समीति यौन उत्पिड़न मामलों की शिकायत पर सुनवाई करने के लिए नहीं है. हालांकि कुश्ती फेडरेशन एकमात्र ऐसी संघ नहीं है जिसका कोई यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए कानून के अनुसार कोई आंतरिक शिकायत समिति नहीं है. 30 राष्ट्रीय खेल महासंघों में से 15 ऐसे हैं जहां यौन उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए कोई आंतरिक शिकायत समिति नहीं है.
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