डीएनए हिंदी: दुनिया की ज्यादातर बड़ी क्रिकेट टीमें इस वक्त पहले की तुलना में कहीं ज्यादा मैच खेल रही हैं. खिलाड़ियों के इतने ज्यादा क्रिकेट खेलने और व्यस्त कार्यक्रम की वजह से मानसिक दवाब की बातें भी हो रही हैं. क्विंटन डी कॉक, ट्रेंट बोल्ट और बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी भी व्यस्त शेड्यूल का मुद्दा उठा चुके हैं.डेविड वॉर्नर ने भी इस पर अपनी राय रखी है और कहा कि मेरे लिए तो अगले पांच साल का कैलेंडर देखना ही बहुत डरावना है. कभी-कभी मुझे लगता है कि अच्छा है कि मैं अब अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हूं.
David Warner ने कहा, डरावना है क्रिकेट शेड्यूल
ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक ओपनर ने कहा, 'अगर आप अगले पांच साल का शेड्यूल देखें तो यह बहुत डरावना है. मुझे खुशी है कि मैं अपने करियर के आखिरी मुकाम पर हूं क्योंकि अगले पांच साल बहुत मुश्किल रहने वाले हैं. मैं अपने परिवार के साथ हूं लेकिन बहुत से युवा खिलाड़ियों का भी परिवार है. इतने व्यस्त कार्यक्रम में उनके लिए परिवार के साथ वक्त बिताना बहुत मुश्किल होने वाला है.'
उन्होंने क्रिकेटरों के बिजी कैलेंडर पर कहा कि यह बहुत मुश्किल है. हर साल 80-90 गेम हो रहे हैं और उसके लिए खुद को फिट रखना, प्रतियोगिता में बनाए रखना... यह सब कुछ बहुत-बहुत मुश्किल है.
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कई और खिलाड़ी भी उठा चुके हैं यह मुद्दा
इससे पहले क्विंटन डी कॉक भी इतनी ज्यादा क्रिकेट खेलने का मुद्दा उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि खिलाड़ियों के मेंटल हेल्थ के लिहाज से यह आसान नहीं है. ऐसे बिजी शेड्यूल के बाद एक ट्रेंड शुरू होगा कि खिलाड़ी किसी एक या दो फॉर्मेट में खेलने के हिसाब से खुद को तैयार करेंगे. साउथ अफ्रीकी विकेटकीपर बल्लेबाज खुद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं.
हाल ही में ट्रेंट बोल्ट ने भी न्यूजीलैंड बोर्ड से अपना करार खत्म कर लिया है. बोल्ट ने भी परिवार के साथ समय बिताने को प्राथमिकता देते हुए अपना कॉन्ट्रैक्ट खत्म किया है और अब वह चुनिंदा सीरीज में ही खेलते दिखेंगे. बेन स्टोक्स भी वनडे क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं.
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