डीएनए हिंदी: लंदन ओलंपिक (London Olympic 2012) के ब्रॉन्ज मेडल विनर योगेश्वर दत्त (Yogeshwar Dutt) ने शुक्रवार को एशियन गेम्स (Asian Games) और वर्ल्ड चैम्पियनशिप (World Championship) के लिए होने वाली ट्रायल के विरोध में प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों को छूट देने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने आईओए पैनल पर निशाना साधा और कहा कि ये पहलवान इस तरह का समर्थन पाने के लिए आंदोलन कर रहे थे. पैनल ने 16 जून को विनेश फोगाट (Vinesh Phogat), बजरंग पूनिया (Bajrang Punia), उनकी पत्नी संगीता फोगाट (Sangeeta Phogat), साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा को सूचित किया था कि उन्हें भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अपनी-अपनी श्रेणियों में ट्रायल के विजेताओं का मुकाबला करना होगा. पैनल ने छह पहलवानों से यह भी वादा किया कि उनके अनुरोध के अनुसार उनका एक-मुकाबले वाला ट्रायल अगस्त में आयोजित किया जाएगा.
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भारतीय जनता पार्टी के नेता योगेश्वर ने कहा कि भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली समिति ने ऐसा कदम उठाकर देश के जूनियर पहलवानों के साथ अन्याय किया है. उन्होंने ट्विटर पर जारी वीडियो में कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ट्रायल के बारे में निर्णय लेने में पैनल ने किन मानदंडों का पालन किया है. वह भी सभी छह पहलवानों के लिए.’’ योगेश्वर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए खेल मंत्रालय द्वारा नियुक्त छह सदस्यीय निरीक्षण समिति का हिस्सा थे. उन्होंने कहा कि अगर पैनल को ट्रायल के लिए छूट देनी थी तो कई अन्य योग्य उम्मीदवार भी थे.
योगेश्वर ने की अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की अपील
उन्होंने कहा, "रवि दहिया ओलंपिक रजत पदक और राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी हैं. दीपक पूनिया राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हैं, अंशू मलिक विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता हैं, सोनम मलिक ने भी कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है. मुझे समझ नहीं आता कि इन छह पहलवानों को छूट क्यों दी गई है. यह बिल्कुल गलत है. राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय योगेश्वर ने जूनियर पहलवानों, उनके कोच और अभिभावकों से इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "मैं सभी ग्रीको रोमन, पुरुष फ्रीस्टाइल और महिला पहलवानों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी आवाज उठाएं. आप भी धरने पर बैठे, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और आईओए को पत्र लिखें."
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