डीएनए हिंदी: साल 2021 का 19 जनवरी. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर सीरीज 2020-21 का निर्णायक दिन. चार टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर खड़ी थी. भारतीय टीम के सामने 328 रनों का कठिन लक्ष्य था. चौथी पारी में इतने रन रोज-रोज नहीं बनते. वो भी गाबा जैसे मैदान पर ये टारगेट और भी मुश्किल लग रहा था, लेकिन अजिंक्य रहाणे के रणबांकुरों ने उस दिन कुछ और ही ठान रखा था. भारत को यह मुकाबला अपने नाम करने के लिए आखिरी दिन 324 रन बनाने थे, जो शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत की दिलेर पारियों के सामने बौना पड़ा गया. टीम इंडिया ने गाबा में ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से धूल चटा दी. 32 साल से चला आ रहा कंगारूओं का 'गाबा घमंड' चकनाचूर हो गया. भारत ने लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में घुसकर मात दी.
शुभमन गिल ने किया पहला हमला
चौथे दिन की समाप्ति पर भारत ने बिना किसी नुकसान के 4 रन बनाए थे. सामने बड़े टारगेट को देखते हुए टीम इंडिया इस मुकाबले में ड्रॉ के लिए खेल सकती थी. आखिरी दिन बस भारत को अपने 10 विकेट नहीं देने थे. मैच ड्रॉ होने पर पिछली सीरीज के विजेता होने के नाते भारत को ट्रॉफी दी जाती. लेकिन भारतीय सूरमाओं ने लक्ष्य का पीछा करने का फैसला किया.
गाबा टेस्ट के पांचवें दिन रोहित शर्मा के रूप में भारत को जल्दी झटका लग गया. उन्हें पैट कमिंस ने कप्तान टिम पेन के हाथों विकेट के पीछे लपकवा दिया. हालांकि शुभमन गिल मन बना चुके थे कि लक्ष्य का पीछा करना ही है. उन्होंने आक्रामक बैटिंग की तो सामने से चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को खूब थकाया. दोनों के बीच 132 रनों की साझेदारी हुई. इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई स्पीडस्टार मिचेल स्टार्क गिल के निशाने पर रहे. इस युवा बल्लेबाज ने स्टार्क की तबीयत से धुनाई की. स्टार्क की गेंद पर गिल का लगाया गया झन्नाटेदार पुल शॉट आज भी फैंस को रोमांचित कर देता है. गिल ने 146 गेंदों में 91 रन बनाए, जिसमें 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे. वह अपने पहले शतक से जब 9 रन दूर थे तब नेथन लॉयन ने उन्हें स्लिप में लपकवा दिया.
ऋषभ पंत की करिश्माई बल्लेबाजी
गिल के आउट होने के बाद आए कप्तान रहाणे ने 22 गेंदों में 24 रन बनाकर मोमेंटम बनाए रखा. हालांकि जल्दी-जल्दी दो विकेट गिरने से भारत पर भी थोड़ा दबाव आ गया था. ऐसे में ऋषभ पंत ने शुरू में संभलकर बल्लेबाजी की. उनके और पुजारा के बीच 23.3 ओवर में 61 रन की पार्टनरशिप हुई. पुजारा की खूंटागाड़ पारी का अंत कमिंस ने किया. पुजारा ने 211 गेंदों का सामना करते हुए बेशकीमती 56 रन बनाए. उनका विकेट 228 रन पर गिरा. भारत को यहां से अभी भी 100 रन बनाने थे. इस बीच पंत भी अपना गियर बदलना शुरू कर चुके थे.
पुजारा के जाने के बाद उन्होंने मोर्चा संभाला और मयंक अग्रवाल और वॉशिंगटन सुंदर के साथ छोटी-छोटी साझेदारियां कर भारत को लक्ष्य के नजदीक लेकर गए. टीम इंडिया जब जीत से 3 रन दूर थी तब 7वां विकेट गिर गया. इसके बाद पंत स्ट्राइक पर आए और उन्होंने विजयी चौका जड़कर भारत को यादगार जीत दिला दी. पंत ने 138 गेंदों में 89 रन बनाए.
सुंदर-शार्दुल ने भी किया था कमाल
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए मार्नस लाबुशेन के शतक (108) की मदद से 369 रन बनाए थे. इसके जवाब में भारत ने 336 रन बनाए. इसमें सबसे बड़ा योगदान शार्दुल ठाकुर और अपना पहला टेस्ट खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर का रहा. दोनों के बीच 7वें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी न हुई होती तो भारत पहली पारी में ज्यादा रन से पिछड़ सकता था. शार्दुल ने 67 रन बनाए तो वहीं सुंदर ने 62 रनों की पारी खेली. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 294 रन बनाए. इसी सीरीज में टेस्ट डेब्यू करने वाले मोहम्मद सिराज ने 5 और शार्दुल ने 4 विकेट लिए. पहली पारी के बढ़त के आधार पर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के लिए 328 रनों का लक्ष्य दिया.
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