Opinion: डियर विराट कोहली, कुछ लड़ाइयां छोड़ देनी चाहिए, एक जादू की झप्पी दे आगे बढ़ जाना चाहिए!

Written By स्मिता मुग्धा | Updated: May 03, 2023, 10:16 AM IST

Virat Kohli Guatam Gambhir Fight

Virat Kohli Gautam Gambhir Fight: विराट कोहली और गौतम गंभीर के झगड़े ने पूरे देश को दो पाटों में बांट दिया है. एक ओर विराट के फैंस उनका समर्थन कर रहे हैं तो ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो उनके व्यवहार की आलोचना कर रहे हैं.

डीएनए हिंदी: विराट कोहली के फैंस उन्हें इसलिए भी प्यार करते हैं कि क्योंकि उनका व्यवहार नो फिल्टर रहा है. यही बात गौतम गंभीर पर भी लागू होती है. विराट और गंभीर (Virat Kohli-Gautam Gambhir Fight) के बीच हुए विवाद में बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने दोनों को दंड दिया है और अफगानिस्तान के नवीन उल हक पर भी कार्रवाई हुई है. अगर बोर्ड की ओर से दी गई सजा को देखें तो तीनों ही किसी न किसी तरह से विवाद के दोषी हैं. असल में उस वक्त क्या हुआ और वह कौन सी एक चिंगारी थी जिसने इतना बड़ा रूप ले लिया, इसके बारे में 100 फीसदी यकीन के साथ सिर्फ वही जानते हैं जो इस दौरान वहां मौजूद थे. 

विराट कोहली दोषी या गौतम गंभीर ने खोया आपा? 
विराट कोहली और गौतम गंभीर का साथ दशकों पुराना है और दोनों एक -दूसरे को जूनियर क्रिकेट के दौर से जानते हैं. इसके बाद भी इन दोनों क्रिकेटरों के बीच रिश्ते में वैसी दोस्ती और गर्माहट नहीं है जैसी अक्सर पुराने साथियों के बीच होती है. इसकी एक वजह यह है कि कोहली को महेंद्र सिंह धोनी ने मेंटॉर किया था और वह स्वाभाविक तौर पर उनके ज्यादा क्लोज हैं. कहा जाता है कि गंभीर और विराट के बीच दूरी की एक वजह यह भी है कि टीम इंडिया के लिए ड्रेसिंग रूम शेयर करते वक्त विराट अपने दिल्ली के साथियों से ज्यादा वक्त धोनी के साथ बिताते थे.

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दूसरी ओर गौतम गंभीर हैं जो क्रिकेट और राजनीति दोनों से ताल्लुक रखने के बाद भी शुगरकोट करने में माहिर नहीं हैं. वह खुल कर बड़े नामों की भी आलोचना करते हैं. चाहे वह क्रिकेट की दुनिया में महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली हों या राजनीति में अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार की नीतियां. मैदान पर जो कुछ हुआ बतौर दर्शक इतना समझ आता है कि शुरुआत विराट की ओर से हुई थी. हालांकि अफगान क्रिकेटर नवीन उल हक भी गर्म मिजाज के हैं और पहले भी गाली-गलौच की वजह से चर्चा में रहे हैं. इतना जरूर है कि देश के दो नामी और सीनियर क्रिकेटर के इस व्यवहार ने क्रिकेट फैंस को जरूर निराश किया है.  

विराट कोहली ऐसे तो धोनी की विरासत आगे नहीं ले जा सकते? 
विराट कोहली कई बार कहते हैं कि महेंद्र सिंह धोनी का स्थान उनके जीवन में एक मेंटॉर और गाइड की तरह है. धोनी के बाद विराट को ही उनका उत्तराधिकारी चुना गया था लेकिन बतौर कप्तान कोहली उन ऊंचाइयों को नहीं छू सके जिनकी उनसे उम्मीद थी. 15 साल के लंबे अंतर्राष्ट्रीय करियर के बाद भी इसी साल आईपीएल में यह दूसरा मौका है जब विराट कोहली अपने व्यवहार की वजह से आलोचना झेल रहे हैं. गौतम गंभीर को क्रिकेट से रिटायर हुए अब काफी वक्त हो चुका है और अब खेलों की दुनिया में वह कोई लंबी लाइन नहीं खींच सकते हैं. विराट कोहली खेल रहे हैं और जिस तरह की फॉर्म में हैं उनके काफी सालों तक खेलने की उम्मीद भी है.

बतौर सीनियर खिलाड़ी वह नए खिलाड़ियों के ही नहीं देश के लाखों-करोड़ों युवाओं के रोल मॉडल हैं. विराट के सामने अभी लंबा करियर है और वह अपनी लाइन और बड़ी बना सकते हैं. मैदान पर या मैदान के बाहर उनके झगड़ों और विवादों की लंबी कहानी है जिसमें कोच अनिल कुंबले से मतभेद और उनका पद छोड़ने से लेकर मैदान पर स्टीव स्मिथ, शाकिब अल हसन, गौतम गंभीर, अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ियों से उलझना शामिल है. पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ उनका विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि उन्होंने एक और नया झगड़ा मोल ले लिया है. 

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इसमें कोई शक नहीं है कि विराट कोहली अपार प्रतिभाशाली हैं और उन्हें खेलते देख भारत ही नहीं दुनिया भर में क्रिकेट फैंस झूमते हैं. बतौर खिलाड़ी उनकी उपलब्धियां महान हैं लेकिन करियर के इस मोड़ पर पहुंच कर ऐसे विवाद या व्यवहार उनके करियर पर एक स्पीड ब्रेकर की तरह काम करते हैं. विराट कोहली के पास मौका था कि वह लाइन बड़ी करते लेकिन उन्होंने पहले दर्शकों की ओर देखकर इशारा किया फिर टेल एंडर नवीन उल हक और अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ियों से भिड़ गए. मैच खत्म होने के बाद  गौतम गंभीर के साथ तू-तू मैं करके माने. क्या इससे बेहतर यह नहीं होता कि मैच के बाद विराट जाते और आगे बढ़कर जूनियर नवीन उल हक को हंसते हुए गले लगाते. यह वह दृश्य होता जिसे लोग सालों अपनी आंखों में कैद रखते बजाय कि जो हुआ. हर लड़ाई और आलोचना का जवाब देने के बजाय कुछ को हंसकर भी टाला जा सकता है क्योंकि आखिर क्रिकेट है तो जेंटलमैन गेम ही न!

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