Arshad Nadeem New Olympics Record: Arshad Nadeem New Olympics Record: पाकिस्तान के जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम (Arshad Nadeem) ने दुनिया को हैरान कर दिया है. पेरिस ओलंपिक 2024 के मेंस जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में उन्होंने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ इतिहास रच दिया है. अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बना दिया है. इस पाकिस्तानी एथलीट ने 16 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है. 2008 के बीजिंग ओलंपिक में नॉर्वे के एंड्रियास थोरकिल्डसेन (Andreas THORKILDSEN) ने 90.57 मीटर दूर भाला फेंककर रिकॉर्ड बनाया था, जिसे नदीम ने ध्वस्त कर दिया है.
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नीरज का टोक्यो ओलंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ा
अरशद नदीम टोक्यो ओलंपिक में पांचवें स्थान पर रहे थे. भारत के नीरज चोपड़ा ने इस ओलंपिक में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था. नदीम ने नीरज के रिकॉर्ड को भी काफी पीछे छोड़ दिया है. अपने ऐतिहासिक थ्रो के साथ नदीम पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.
जानिए कौन हैं अरशद नदीम
अरशद नदीम का जन्म पाकिस्तान के पंजाब में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता मजदूर थे. आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर के नदीम को जैवलिन थ्रो का चस्का बचपन में ही लग गया था. स्कूल में एथलेटिक्स इवेंट के दौरान जब उन्होंने जैवलिन थ्रो किया तो सब हैरत में पड़ गए. इसके बाद स्कूल के कोच रशीद अहमद ने उन्हें ट्रेनिंग देनी शुरू की. हालांकि घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण नदीम का पहला सपना सरकारी नौकरी हासिल करने का था. इसके लिए उन्होंने स्पोर्ट्स कोटा के तहत पाकिस्तान वॉटर एंड पावर डेवलपमेंट अथॉरिटी के लिए ट्रायल्स दिए थे. इसी दौरान पाकिस्तान के स्टार जैवलिन थ्रोअर सैय्यद हुसैन बुखारी की नजर नदीम पर पड़ी.
सैय्यद हुसैन बुखारी ने ना सिर्फ उन्हें सरकारी नौकरी हासिल करने में मदद की, बल्कि उनके करियर को भी अलग दिशा दिया. नदीम साल 2015 में पाकिस्तान के नेशनल चैंपियन बने. इसके बाद उन्होंने 2018 एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सुर्खियां बटोरीं. नदीम एथलेटिक्स में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले पहले पाकिस्तानी बने थे. उन्होंने 2022 में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता था. नदीम ने 90.19 दूर भाला फेंका था. जैवलिन थ्रो में 90 मीटर का बैरियर तोड़ने वाले वह पहले साउथ एशियाई खिलाड़ी हैं.
पेरिस ओलंपिक के लिए चंदे के पैसे से की ट्रेनिंग
अरशद नदीम टोक्यों ओलंपिक में पांचवें स्थान पर फिनिश करने के बावजूद पंजाब यूनिवर्सिटी के जिम में जाया करते थे. एथलीट्स को मिलने वाले तमाम जरूरी सुविधों के लिए उन्हें काफी जूझना पड़ा है. आर्थिक तंगी के कारण नदीम ने पेरिस ओलंपिक की तैयारी एक साल तक पुराने भाले से की, जो डैमेज हो चुके थे. ऐसे में उन्होंने जैवलिन थ्रो की ट्रेनिंग के लिए चंदा इकट्ठा करना पड़ा था.
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