भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अश्विनी पोनप्पा ने संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने खेल के बाद कहा कि ये उनका आखिरी ओलंपिक था. मंगलवार को पेरिस ओलंपिक की महिला युगल स्पर्धा में उन्हें और उनकी जोड़ीदार तनिषा क्रास्तो को लगातार तीसरी बार हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद आंसुओं के साथ अश्विनी ने ये घोषणा कर दी कि ये उनका आखिरी ओलंपिक था.
2001 से शुरू हुआ सफर
अश्विनी पोनप्पा ने 2001 में अपना पहला राष्ट्रीय खिताब जीता था और ज्वाला गुट्टा के साथ मिलकर एक शानदार इतिहास रचकर बेस्ट महिला जोड़ी साबित हुईं. ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा 2017 तक साख खेलीं. उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते, जिसमें 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक और उबेर कप (2014 और 2016) और एशियाई चैंपियनशिप (2014) में कांस्य पदक शामिल हैं.
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संन्यास की बात पर हुईं भावुक
अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहीं 34 वर्षीय अश्विनी से पूछा गया कि क्या वह 2028 लॉस एंजिल्स खेलों में खेलना चाहती हैं. इस बात का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि ये मेरा आखिरी ओलंपिक होगा, लेकिन तनिषा को अभी काफी लंबा सफर तय करना है. यह भावनात्मक और मानसिक रूप से बहुत भारी पड़ताकछिन होता है. अगर आप आप युवा हैं तो आप यह सब झेल सकते हैं. इतने लंबे समय तक खेलने के बाद, मैं इसे और नहीं झेल सकती.
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