पिछले महीने पेरिस में 11 अगस्त को ओलंपिक 2024 का समापन हो गया, जहां तमाम देशों के एथलीटों ने अपना दमखम दिखाया. अब पूरी दुनिया की नजर 28 अगस्त से 9 सितंबर तक चलने वाले Paralympics 2024 पर टिकी हुई है. वहीं भारतीय खेल प्रेमियों की भी नजर अपने खिलाड़ियों पर बनी होगी. हालांकि इस आयोजन को केवल 1 ही दिन बचा हुआ है और इसके मुकाबले कल से खेले जाएंगे. इस बार भारत को इन 6 एथलीटों से गोल्ड मेडल की उम्मीद है.
ओलंपिक 2024 में एक निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब भारत की गोल्ड मेडल की उम्मीदें पेरिस पैरालंपिक से हैं. भारत की तरफ से इस बार कुल 84 एथलीट इस आयोजन में भाग ले रहे हैं, जो अभी तक का सबसे बड़ा दल है. 2020 में हुए टोक्यो पैरालंपिक में कुल 54 एथलीटों ने हिस्सा लिया था. पिछले सत्र में भारत ने कुल 19 मेडल जीते थे, जिसमें 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए थे और देश ने मेडल टैली में 24वें स्थान पर खत्म किया था.
इन 6 एथलीट्स से है भारत को उम्मीदें
सुमित आंतिल
ओलंपिक में जहां नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल से चूक गए थे, तो वहीं पैरालंपिक में सुमित आंतिल से भारत की उम्मीद बंधी है. सुमित ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था. इस बार भी भारत के इस स्टार जेवलिन थ्रोअर से गोल्ड मेडल की उम्मीद रहेगी. सुमित ने पिछली बार 68.55 मीटर का थ्रो फेंक कर अपने नाम गोल्ड किया था.
अवनि लेखरा
पैरा शूटर अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. अवनि का महज 10 साल की उम्र में ही एक एक्सिडेंट हो गया था, उसके बाद से वो व्हीलचेयर पर ही हैं. इस दर्दनाक घटना के बाद अवनि ने पैराशूटिंग को अपनी जिंदगी बनाई और अब एक बार फिर से करोड़ों भारतवासियों की उम्मीद बनी हुई हैं.
कृष्णा नागर
कृष्णा नागर ने पिछले पैरालंपिक में बैडमिंटन के सिंगल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. वहीं एक बार भी देश को उनसे गोल्ड की उम्मीदें है. हालांकि नागर इस बार भी भारत को गोल्ड मेडल दिलवा सकते हैं.
मानसी जोशी
महिला शटलर मानसी जोशी भारत को गोल्ड दिलाने की प्रबल दावेदार हैं, जो पूर्व विश्व चैंपियन भी रह चुकी हैं. उन्होंने अपने करियर में अब तक विश्व चैंपियनशिप में दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज पदक जीते हैं. इसके अलावा उन्होंने एशियाई पैरा खेलों में एक सिल्वर और दो कांस्य पदक भी अपने नाम किए हैं. हालांकि, मानसी अभी तक पैरालंपिक में कोई भी मेडल नहीं जीत सकी हैं. लेकिन इस बार उनसे काफी उम्मीदें हैं.
मनीष नरवाल
शूटर मनीश नरवाल ने पिछले पैरालंपिक में दमदार प्रदर्शन किया था और इस बार भी उनसे यही उम्मीद है. उन्होंने तीन साल पहले गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा वो पिछले साल एशियाई पैरा खेलों में एक कांस्य पदक जीते थे.
शीतल देवी
बिना हाथों के जन्मी पैरा तीरंदाज शीतल देवी की यात्रा बेहद प्रेरणादायक है. उन्होंने 17 वर्ष की आयु में पहली बार पैरालंपिक्स में हिस्सा लिया है. शीतल ने पिछले साल एशियाई पैरा खेलों में इतिहास रचा था और 2 गोल्ड मेडल अपने नाम किए थे और ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बन गई थीं.
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