पैरिस पैरालंपिक के दूसरे दिन भारतीय एथलीट प्रीति पाल ने इतिहास रच दिया. प्रीति ने महिलाओं की 100 मीटर (T35) दौड़ स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. उन्होंने अपना पर्सनल बेस्ट 14.21 सेकेंड समय के साथ तीसरा स्थान हासिल किया. इसी के साथ प्रीति ट्रैक स्पर्धाओं में पैरालंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं. बता दें कि 23 साल की प्रीति पाल का ब्रॉन्ज, पेरिस पैरालंपिक्स में पैरा-एथलेटिक्स में भारत का पहला मेडल है.
सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी से जूझ रहीं प्रीति
प्रीति पाल का जन्म 22 सितंबर 2000 को एक किसान परिवार में हुआ. बचपन से ही उनका जीवन संघर्षों से भरा था. उन्हें बचपन से ही सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी थी. इस बीमारी से जूझते हुए उन्होंने खेलों की दुनिया में मुकाम पाने की ठानी. साल 2018 में मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में कोच गौरव त्यागी के पास ट्रेनिंग शुरू की. इस साल फरवरी में वे दिल्ली में कोच गजेंद्र सिंह के अंडर ट्रेनिंग करने चली आईं. मैदान पर की गई मेहनत अब रंग लाई है. उन्होंने पैरालंपिक्स की टी-35 कैटेगरी में 100 मीटर फर्राटा दौड़ में 14.21 सेकंड के साथ अपना पर्सनल बेस्ट प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता है.
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अंक तालिका में किस नंबर पर भारत
भारत ने पेरिस पैरालंपिक 2024 के दूसरे दिन अभी तक 3 मेडल अपने नाम कर लिए हैं. 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 शूटिंग स्पर्धा में अवनी लेखरा ने गोल्ड, जबकि मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक पर निशाना साधा. मनीष नरवाल ने सिल्वर मेडल जीता. वहीं, प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर T35 रेस में कांस्य पदक जीता. भारत ने पेरिस 2024 पैरालंपिक में अब तक एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक सहित कुल चार पदक जीते हैं. इन चार पदकों के साथ भारत 17वें पायदान पर पहुंच गया है.
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