डीएनए हिंदी: ये जिंदगी कब किस ओर कैसी करवट ले ले, ये जान पाना हम में से किसी के भी बस की बात नहीं. क्योंकि जिंदगी की उठा-पटक किसी आसमान की बुलंदियां छू रहे इंसान को भी झटके में जमीन पर ला फेंकती है. क्रिकेट जैसे पैसे वाले खेल का हिस्सा रहे एक खिलाड़ी के साथ भी इनदिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है. एक समय पर इस खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम हुआ करता था. लोग उसे स्पिन गेंदबाजी की दुनिया का नया सितारा मान रहे थे.
धोनी के कप्तानी में खेल चुके हैं IPL
यही नहीं ये खिलाड़ी टीम इंडिया के महान कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भी खेल चुका है. लेकिन आज उसका गुजर बसर भी कर पाना मुश्किल से हो पा रहा है. जीवन ने इस खिलाड़ी के साथ ऐसा यूटर्न लिया है कि आज उसे अपनी जिंदगी चलाने के लिए किसी दूसरे देश में जाकर बस चलानी पड़ रही है. श्रीलंका ऑफ स्पिनर को अपनी जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया में बस चलाने पर मजबूर हैं. सूरज रणदीव पाकिस्तान के लिए 12 टेस्ट, 31 वनडे और 7 टी20 मुक़ाबले खेले हैं. टेस्ट और वनडे में उन्होंने 1-1 बार 5 विकेट हॉल भी हासिल किया है.
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सूरज रणदीव के शुरुआती करियर देखकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स मानते थे कि वो लंबे समय तक अपने देश के लिए खेलेंगे और मैदान पर कुछ अविश्वसनीय परिणाम हासिल करेंगे. हालांकि, चीजें हमेशा वैसी नहीं होती जैसी आप चाहते हैं और रणदीव के साथ भी ऐसा ही हुआ. शुरुआती वादे दिखाने के बावजूद, उनका अंतरराष्ट्रीय करियर वास्तव में कभी आगे नहीं बढ़ा. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में चमकने के अलावा, रणदीव ने आईपीएल में भी अपनी जगह बनाई. उन्हें 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए छह विकेट हासिल किए थे.
2011 World Cup का रहे थे हिस्सा
रणदीव के करियर का सबसे बड़ा पल 2011 में आया जब चोटिल ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज के स्थान पर श्रीलंका के विश्व कप टीम में चुने जाने के बाद, वह 2011 विश्व कप फाइनल में एमएस धोनी की टीम के सामने वानखेड़े स्टेडियम में फाइनल खेलने उतरे. उस मुकाबले में श्रीलंकाई टीम हार गई थी, लेकिन खचाखच भरी भीड़ के सामने खेलने का अनुभव आज भी रणदीव याद कर रहे होंगे. ये वही रणदीव हैं, जिन्होंने 2010 में त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान विरेंदर सहवाग को शतक से रोक दिया था.
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