आईपीएल के तर्ज में दुनिया के कई देशों में टी20 लीग शुरू हुई. कुछ ने शुरू होते ही दम तोड़ दिया तो कुछ जैसे तैसे संघर्ष कर रही हैं. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भी पीएसएल (Pakistan Super League) नाम से टी20 लीग शुरू की, जो अब बंद फ्लॉप होता नजर आ रहा है. आईपीएल के आगे दुनिया भर के सभी लीग काफी छोटे नजर आ रहे हैं ऐसे में इस लीग के बंद होने का खतरा तब और बढ़ गया जब दुनिया के कई स्टार खिलाड़ियों ने इस लीग में खेलने के एक साथ मना कर दिया.
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दुनिया भर में एक साथ चल रही कई फ्रेंचाइजी लीगों के कारण कुछ क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को दूसरे देशों की घरेलू टी20 में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने से इनकार दिया है. जिससे कई बड़े अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को पाकिस्तान सुपर लीग से नाम वापस लेना पड़ा. पीएसएल 17 फरवरी से लाहौर में शुरू हो रहा है और कई खिलाड़ियों द्वारा ‘बांग्लादेश प्रीमियर लीग’, ‘आईएलटी20’ और ‘एसए20’ लीग का विकल्प चुनने से सभी छह फ्रेंचाइजी टीमों को काफी नुकसान हुआ है. पीएसएल टीम मुल्तान सुल्तांस को कई प्रमुख खिलाड़ियों का साथ नहीं मिलेगा. इसमें इंग्लैंड के तेज गेंदबाज रीस टॉपले चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने वाले खिलाड़ी हैं.
इंग्लैंड ने भी नहीं दिया खिलाड़ियों को NOC
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी कहा कि उसने टॉपले को पीएसएल में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है. कुछ अन्य बोर्ड भी पीएसएल के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के बारे में दोबारा विचार कर रहे हैं. पेशावर जाल्मी को दक्षिण अफ्रीका के लुंगी एनगिडी की सेवाएं नहीं मिलेंगी तो वहीं क्वेटा ग्लैडिएटर्स को श्रीलंका के वानिंदु हसरंगा के बिना मैदान में उतरना होगा. वेस्टइंडीज के क्रिकेटर शाई होप, मैथ्यू फोर्ड और अकील हुसैन के साथ दक्षिण अफ्रीका के तबरेज शमशी और रासी वान डेर डुसेन भी पीएसएल के आगामी सत्र में नहीं खेलेंगे.
PSL के कार्यक्रम में बदलाव की मांग
इंग्लैंड के जेम्स विंस और अफगानिस्तान के नूर अहमद और नवीन उल हक भी पूरे टूर्नामेंट से बाहर रहेंगे. पीएसएल फ्रेंचाइजी के मालिक ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से टूर्नामेंट विंडो पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. उन्होंने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘एसए20’ हाल ही में संपन्न हुआ और ‘आईएलटी20’ ‘पीएसएल’ शुरू होने वाले दिन समाप्त होगा, इसलिए अब बड़े खिलाड़ियों से करार करना मुश्किल हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पीएसएल विंडो को बदलने की बहुत जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम बड़े विदेशी खिलाड़ियों से करार नहीं कर पायेंगे और इस लीग का आकर्षण खत्म हो जाएगा.’’
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