On This Day: 7 साल पहले आज ही के दिन PV Sindhu ने बचाई थी भारत की लाज, ओलंपिक में भारत को दिलाया पहला सिल्वर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 20, 2023, 07:08 PM IST

pv sindhu won silver medal at rio olympics in 2016 recalls how her life got changed after this achievement

20 अगस्त को रियो में आयोजित 2016 ओलंपिक खेल के बैडमिडंन के सिंगल्स स्पर्धा में सिंधू ने भारत को उस इवेंट का पहला सिल्वर मेडल दिलाया था.

डीएनए हिंदी: अपने करियर के सबसे मुश्किल दौर में से एक से गुजर रहीं स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने सोमवार से शुरू हो रही वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपिनयशिप से पहले रविवार को जीवन को बदलने वाले अपने पिछले सात साल को याद किया. इस दौरान रियो में पहला ओलंपिक पदक जीतना भी शामिल है. सिंधू ने 20 अगस्त 2016 को स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ महिला सिंगल्स का फाइनल में हारने के बाद रियो ओलंपिक का रजत पदक जीता था. इस ओलंपिक पदक के बाद सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं में कई और पदक जीते. 

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सिंधू ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सात साल पहले मैं ऐसे सफर पर निकली थी जो मेरा जीवन बदलने वाला था. पिछे मुड़कर देखती हूं तो यह विश्वास करना मुश्किल है कि उस ऐतिहासिक दिन को सात लंबे वर्ष बीत चुके हैं जब मैंने रियो में अपना पहला ओलंपिक पदक जीता था." उन्होंने लिखा, "यह रजत पदक, मेरे समर्पण, कड़ी मेहनत और मेरे कोच, टीम के साथियों और प्रशंसकों के समर्थन का प्रतीक है." तब सिर्फ 21 साल की सिंधू को पहला गेम जीतने के बावजूद मारिन के खिलाफ फाइनल में 21-19 12-21 15-21 से हार का सामना करना पड़ा था. 

इसके बाद भी इन दो खिलाड़ियों के बीच कई रोमांचक मुकाबले खेले गए. सिंधू ने लिखा, "इस यात्रा के सबसे यादगार अध्यायों में से एक कोर्ट पर कड़ी प्रतिद्वंद्विता रही है, खासकर कैरोलिना के खिलाफ मुकाबला. फाइनल तक की यात्रा उस धैर्य और दृढ़ संकल्प का प्रमाण थी जो हम दोनों ने खेल में दिखाया था. तीन गेम तक चला मैराथन फाइनल असाधारण था. यह कौशल, दृढ़ता और खेल भावना का प्रदर्शन था." हैदराबाद की 28 साल की सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक के अलावा दो रजत पदक (2017 और 2018) और एक स्वर्ण पदक (2019) भी जीता है. 

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उन्होंने 2018 एशियन गेम्स में रजत, टोक्यो ओलंपिक में कांस्य और राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण पदक जीता. चोट के कारण पांच महीने के ब्रेक के बाद वापसी करते हुए मौजूदा सत्र में चीजें सिंधू के पक्ष में नहीं रही हैं. वह खराब फॉर्म से जूझ रही हैं और कई टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में बाहर होने के बाद विश्व रैंकिंग में 17वें स्थान पर खिसक गई थीं. उन्होंने लिखा, "पिछले सात साल में उतार और चढ़ाव का सामना किया, चुनौतियां और जीत देखी."

2016 में बेटियों ने बचाई भारत की लाज

रियो ओलंपिक भारतीय टीम के लिए किसी बुरे सपने की तरह था, जहां दिग्गज निशानेबाद से लेकर पहलवान तक ढेर हो गए थे. देश को पहला मेडल साक्षी मलिक ने दिया और खेलों के आखिरी दिन सिंधू ने सिल्वर मेडल दिलाकर भारत के पदकों की संख्या दो कर दी. उस साल कोई भी पुरुष एथलीट मेडल नहीं जीत सका था. 

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