डीएनए हिंदी: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के मैदान या उससे बाहर शायद ही आपने कभी कोई विवाद सुने होंगे होंगे. लेकिन सचिन का एक किस्सा ऐसा है, जिसकी चलते उनकी और टीम इंडिया के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ की दोस्ती खत्म होते-होते बची थी. आप सोच रहे होंगे राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर तो बेहतरीन दोस्त हैं फिर इन दोनों के बीच ऐसा आखिर क्या हुआ, जो बात इतनी बढ़ गई थी.तो आइए जानते हैं उस किस्से के बारे में जिसके बाद सचिन के फैंस ने द्रविड़ को खूब कोसा था और दोनों खिलाड़ियों की दोस्ती में भी लगभग दरार आ गई थी.
गांगुली की गैरमौजूदगी में द्रविड़ को मिली थी कमान
ये किस्सा आज से करीब 18 साल पहले का है, जब भारतीय टीम में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्षमण, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ी एक साथ खेला करते थे. भारतीय टीम टेस्ट सीरीज के लिए पाकिस्तान गई थी और पहले ही मैच में सचिन और द्रविड़ के बीच ये 'विवाद' हुआ. सौरव गांगुली की गैरमौजूदगी में इस टेस्ट मैच के लिए द्रविड़ को कप्तान चुना गया था. भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और पहली पारी में 5 विकेट के नुकसार पर 675 रन के स्कोर पर घोषित की.
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सचिन के साथ ऐसा करने पर द्रविड़ की हुई थी जमकर आलोचना
विरेंद्र सहवाग के 309 रन और सचिन की नाबाद 194 रनों की पारी की बदौलत ही टीम इंडिया इतना बड़ा स्कोर खड़ा कर पाई थी. आप सोच रहे होंगे कि जब सिर्फ 5 ही विकेट गिरे थे तो सचिन अपना दोहरा शतक पूरा क्यों नहीं कर पाए, तो इसका जवाब आज भी राहुल द्रविड़ के ही पास है. क्योंकि उन्होंने उसी वक्त पारी घोषित कर दी थी. युवराज सिंह के आउट होने के बाद द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी थी और उस समय तेंदुलकर 194 पर थे. द्रविड़ के इस फैसले से टीम इंडिया का हर एक फैन नाराज था और इस वजह से द्रविड़ की मीडिया में भी खूब आलोचना हुई थी.
सचिन ने 10 साल बाद किया खुलासा
सचिन नाराज थे और ये बात द्रविड़ को भी अच्छे से पता थी लेकिन उन्होंने इसपर अपनी ऐसी सफाई दी, जो किसी को भी आजतक नहीं पचती. द्रविड़ ने इस फैसले पर कहा था कि उन्होंने ऐसा टीम के हित के लिए किया है. लेकिन सचिन ने 10 साल बाद अपनी किताब में इस बारे में खुलकर कहा कि मैं इससे खुश नहीं था. सचिन ने अपनी किताब 'Playing it My Way' में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'राहुल ने कहा था कि ये फैसला टीम के हित को ध्यान में रखते हुए लिया गया था. मैं ये जानता और समझता हूं कि हमें जीतना था. लेकिन मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं था.'
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भारतीय टीम ये मैच बड़े अंतर से जीती थी. उसने पाकिस्तान को पारी और 52 रनों से हराया था और सहवाग को प्लेयर ऑफ द मैच दिया गया था. इस बात को आज लगभग दो दशक होने को जा रहे हैं और सचिन इसपर अपना साइड सामने भी रख चुके हैं. लेकिन राहुल द्रविड़ की ओर से सचिन की बात पर आजतक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई. खैर इस घटना के बाद भी दोनों दोस्त हैं, पर वो दोस्ती पहले जैसी है या नहीं इस बारे में तो सचिन और द्रविड़ ही बेहतर जानते होंगे.
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