डीएनए हिंदी: रिंकू सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 में ऐसी बल्लेबाजी की, जिसे भारतीय फैंस अरसे तक याद रखने वाले हैं. तिरुवनंतपुरम में खेले जा रहे इस मुकाबले में बाएं हाथ के इस धाकड़ बल्लेबाज ने सिर्फ 9 गेंदों में 31 रन उड़ा दिए, जिसमें 4 चौके और दो छक्के शामिल थे. उन्होंने 19वें ओवर में बाउंड्री की झड़ी लगा दी. शॉन एबट यह ओवर डालने आए थे. रिंकू ने पहली गेंद पर चौका बटोरा. इसके बाद अगली गेंद वाइड रही. ओवर की दूसरी लीगल गेंद पर रिंकू गति परिवर्तन के कारण चकमा खा गए. फिर दुनिया ने उनका रौद्र रूप देखा. भविष्य के फिनिशर के रूप में देखे जा रहे रिंकू ने अगली चार गेंदों में 20 रन ठोक दिए.
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उन्होंने तीसरी गेंद पर छक्का, चौथी पर चौका, पांचवीं पर भी चौका और आखिरी गेंद पर छक्का उड़ाकर ओवर में कुल 25 रन बटोर लिए. रिंकू की मार के कारण ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शॉन एबट की बॉलिंग फिगर बद से बदतर हो गया. इस ओवर से पहले उन्होंने दो ओवर में 31 रन दिए थे, जो तीन ओवर में 56 के शर्मनाक आंकड़े पर जा पहुंचा. आतिशी बल्लेबाजी कर रहे रिंकू को भारतीय पारी की आखिरी दो गेंदें खेलने को मिली. जिसपर उन्होंने एक चौका सहित छह रन बटोरे. इस पारी कै दौरान रिंकू का स्ट्राइक रेट 344.44 का रहा.
पहले टी20 में भी दिखाई थी अपनी क्षमता
रिंकू सिंह के रूप में भारतीय टीम को एक बेतहतरीन फिनिशर मिलता दिख रहा है. वह ना सिर्फ कभी भी बड़े शॉट लगा सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर धैर्य भी दिखा सकते हैं. इसके बड़ा सबूत उन्होंने पहले टी20 में दिखाया था. रिंकू जब क्रीज पर आए तो भारत को जीत के लिए 31 गेंद में 53 रनों की आवश्यक्ता थी. कप्तान सूर्यकुमार यादव एक छोर से लगातार पिटाई जारी रखे हुए थे. ऐसे में रिंकू ने अपने कप्तान का साथ देना ज्यादा सही समझा. सूर्या जब आउट हुए तब भारत को 14 गेंद में 15 रन बनाने थे. यहां से ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करने की कोशिश की और अगली 6 गेंदों में सिर्फ 3 रन दिए. अक्षर पटेल संघर्ष कर रहे थे. एक समय भारत की जीत के लिए समीकरण 8 गेंद में 12 रन पर आ गया. ऐसे में रिंकू ने धैर्य ना खोते हुए 19वें ओवर की पांचवीं गेंद पर चौका जड़ा और फिर अंतिम गेंद पर सिंगल लेकर अपने पास स्ट्राइक रखा.
अब भारत को छह गेंदों में 7 रन बनाने थे. रिंकू ने पहली गेंद पर चौका जड़कर मैच लगभग खत्म कर दिया, लेकिन इसके बाद वह ऑफ स्ट्राइक हो गए. अगली तीन गेंदों पर भारत को तीन झटके लगे. हालांकि रिंकू स्ट्राइक पर लौट चुके थे और आखिरी गेंद डलने से पहले भारत का स्कोर बराबर हो गया था. रिंकू ने छक्का जड़कर भारत को जीत दिला दी. हालांकि नो-बॉल होने के कारण आधा दर्जन रन रिंकू और भारत के खाते में नहीं जुड़े. लेकिन उन्होंने साबित कर दिया कि आगे चलकर वह लंबे समय तक भारतीय टीम की सेवा करने वाले हैं. उन्होंने अपनी काबिलियत आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में दिखाई है.
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