Rishabh Pant Car Accident: जलती कार में से शीशा तोड़ बाहर निकले ऋषभ पंत, खून से लथपथ देख इस शख्स ने बचाई जान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 30, 2022, 02:10 PM IST

ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल हो गए हैं.

ऋषभ पंत जलती हुई कार में फंसे हुए थे. उन्हें बाहर निकालने वाले ड्राइवर ने कहा कि एक्सीडेंट के बाद ऋषभ पंत लड़खड़ा रहे थे.

डीएनए हिंदी: भारत के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत कार एक्सीडेंट में बाल-बाल बचे हैं. भीषण एक्सीडेंट में उनकी कार बुरी तरह से जलकर राख हो गई है. हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. रोड एक्सीडेंट के बाद ऋषभ पंत सड़क पर पड़े थे, तब दौड़कर उनके पास एक बस ड्राइवर पहुंचा. ड्राइवर का नाम सुशील है. उन्होंने हादसे के बाद का पूरा आंखों देखा हाल बताया है.

बस ड्राइवर सुशील ने कहा, 'हादसे के बाद ऋषभ पंत बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. वह हादसे के बाद वे घून से लथपथ थे, लंगड़ाते हुए वह मेरे पास आए और कहा कि मैं ऋषभ पंत हूं. आग लगने के बाद घिसट रहे थे.'

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बस ड्राइवर ने कहा कि वह क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानता नहीं है. ऋषभ पंत को कार का शीशा तोड़कर बस ड्राइवर ने बाहर निकाला. वहां आसपास मौजूद लोग वीडियो बना रहे थे लेकिन हमने जान बचाई.

200 मीटर तक फिसलती चली गई ऋषभ पंत की कार

ड्राइवर ने कहा कहा, 'मैं हरिद्वार की तरफ से और ऋषभ दिल्ली की तरफ से आ रहे थे. मैंने देखा कि एक कार डिवाइडर से टकरा गई है. मैंने शख्स की मदद के लिए कार में ब्रेक लगा दी. ऋषभ पंत की कार बैरिकेड तोड़कर करीब 200 मीटर तक फिसलती चली गई.'

कौन है ऋषभ पंत की जान बचाने वाला शख्स?

जिस शख्स ने ऋषभ पंत की जान बचाई है वह हरियाणा रोजवेज में ड्राइवर है. उसका नाम सुशील है. सुशील ने कहा, 'हम हरिद्वार से आ रहे थे. मैं हरियाणा रोडवेज में बस ड्राइवर हूं. हम सुबह 4:25 बजे हरिद्वार से निकले. जैसे ही हम नारसन पहुंचे तो देखा कि दिल्ली से 60-70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक कार आ रही है. कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई. मुझे लगा कि कार बस से भी टकराएगी और हम भी हादसे का शिकार हो जाएंगे.'

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जलती हुई कार में फंस गए थे ऋषभ पंत

बस ड्राइवर ने कहा, 'कार करीब 50 मीट दूर थी. मैंने अपनी बस को सर्विस लेन से बाहर निकाला. कार दूसरे लेन में पड़ी थी. हादसे में कार चकनाचूर हो गई थी. मैं खिड़की के कूदकर बहार निकला. मैंने देखा कि शख्स का शरीर कार से बाहर आधा निकला है. मैंने उसका हाथ पकड़ा तभी कंडक्टर भी साथ आ गया. हमने उसे बाहर लिटा दिया. पहले लगा कि वह मर गया है. कार में आग लगी थी. कार के भीतर चेक करने लगा कि क्या कोई कार के अंदर छिपा है. 

'खून से सने क्रिकेटर बोले- मैं ऋषभ पंत'

ड्राइवर ने कहा, 'मैंने उससे पूछा भाई गाड़ी के अंदर कोई शख्स है क्या? उन्होंने कहा कि मैं अकेला था. बाद में उन्होंने मुझे बताया कि मैं ऋषभ पंत हूं. मैं क्रिकेट का शौकीन नहीं हूं इसलिए नहीं जानता था कि वह कौन है. कंडक्टर ने कहा कि यह इंडियन क्रिकेटर है. मैंने ऋषभ को उठाकर डिवाइडर पर लिटा दिया और चादर डाल दी. उन्होंने कहा कि मेरे कार में पैसे हैं. हमने सड़क पर बिखरा सारा पैसा इकट्ठा किया और लगभग 7,000 रुपये सौंप दिए.'

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हादसे के बाद एंबुलेंस को ड्राइवर ने बुलाया. पुलिस और नेशनल हाईवे अथॉरिटी को भी कॉल किया. 15 मिनट में पुलिस आ गई. ऋषभ खून में बुरी तरह सने थे और बेहोश हो गए थे. वह लंगड़ाकर चल रहे थे. उनकी पीठ और कमर की चमड़ी छिल गई थी.

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