डीएनए हिंदी: टीम इंडिया के भविष्य के कप्तान के तौर पर देखे जा रहे ऋषभ पंत का फ्लॉप शो तीसरे टी-20 में भी जारी रहा है. इस वक्त पंत जबकि टीम के कप्तान ही हैं और उनसे ज्यादा जिम्मेदारी की उम्मीद की जा रही है वह उल्टे और गलतियां किए जा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि यह खिलाड़ी सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है. तीसरे टी-20 में भी एक बार फिर वही लंबा शॉट लगाने के चक्कर में चूके और अपना विकेट गंवा दिया.
गलतियों से कब सीखेंगे पंत?
ऋषभ पंत की प्रतिभा पर किसी को शक नहीं है लेकिन उन्हें अपने अंदर धैर्य पैदा करने की बहुत जरूरत है. वह लगातार एक ही गलती लगभग हर मैच में दोहराते हैं. गैर जिम्मेदाराना तरीके से आउट होते हैं और अहम मौके पर अपना विकेट फेंक देते हैं. साउथ अफ्रीका सीरीज में कप्तानी मिलने के बावजूद जिम्मेदारी नहीं दिखा पा रहे है.
पंत की न तो कप्तानी में दम दिख रहा है और न बल्ला चल रहा है. शुरुआती दो मैच हारने के बाद श्रृंखला गंवाने के मुहाने पर खड़ी टीम इंडिया के इस स्टार ने तीसरे मैच में भी निराश ही किया है. ऋषभ पंत ने शुरुआती दो मैच में 29 और 5 रन बनाए थे. अब तीसरे मैच में भी सिर्फ 6 रन बनाकर चलते बने हैं.
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लापरवाही भरा शॉट खेलने के चक्कर में गंवाया विकेट
विशाखापट्टनम टी-20 में पंत जब बल्लेबाजी के लिए आए थे तो उन्हें जल्दबाजी दिखाने की बिल्कुल जरूरत नहीं थी. 7 गेंद खेलने के बाद आठवीं गेंद पर अपना विकेट फेंक दिया और चलते बने. ऑफ साइड की ओर लॉफ्टेड शॉट मारने के चक्कर में आउट हो गए. उन्होंने लापरवाही भरा शॉट खेला जिसे विरोधी कप्तान बावुमा ने मिड ऑफ पर लपक लिया था.
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प्रतिभा तो है लेकिन प्रदर्शन कब दिखेगा?
इस प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज से टीम और मैनेजमेंट को बहुत उम्मीद है. हालांकि, टी-20 में अब तक उनका प्रदर्शन स्तरीय नहीं कहा जा सकता है. टेस्ट और वनडे में उनकी प्रतिभा का लोहा सब मानते हैं लेकिन टी-20 क्रिकेट में वह रिकॉर्ड कहीं गुम होते दिखते हैं.
ऋषभ पंत ने 46 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 23.9 के औसत और 126.6 के स्ट्राइक रेट से केवल तीन अर्धशतक बनाए हैं जो उनकी प्रतिभा के अनुरूप नहीं है. दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी हो या मौजूदा सीरीज में, पंत अपनी कप्तानी में विश्वस्त नहीं दिखे हैं. उन पर घबराहट और दबाव साफ नजर आता है. अब वक्त है कि बोर्ड और सीनियर खिलाड़ियों को इस विकेटकीपर बल्लेबाज से बातचीत कर उनकी भूमिका समझानी चाहिए.
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