Rohan Bopanna: 22 साल बाद रोहन बोपन्ना ने टेनिस को कहा अलविदा, बोले 'मैंने अपना आखिरी मैच खेल लिया'

Written By रईश खान | Updated: Jul 29, 2024, 11:32 PM IST

Rohan Bopanna retires

Rohan Bopanna Retirement: टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना ने कहा कि मैंने 2002 में करियर की शुरुआत की थी और 22 साल बाद भी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला.

भारतीय टेनिस के 'आयरन मैन' कहे जाने वाले रोहन बोपन्ना रिटायर हो गए हैं. पेरिस ओलंपिक 2024 के पुरुष युगल के पहले दौर में बाहर होने के बाद उन्होंने सोमवार को इंटरनेशनल टेनिस से संन्यास लेने की घोषणा कर दी. बोपन्ना ने कहा कि मैंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेल लिया. वह देश के लिए अपने करियर का अंत और बेहतर तरीके से करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इस बात पर गर्व है कि उन्होंने 22 साल के अपने करियर में कई शानदार सफलता हासिल की.

पेरिस ओलंपिक के पहले मुकाबले में रविवार को रोहन बोपन्ना और एन श्रीराम बालाजी की पुरुष युगल जोड़ी एडवर्ड रोजर वासेलिन और गेल मोनफिल्स की फ्रांसीसी जोड़ी से 5-7, 2-6 से हार गई. इस जोड़ी के हार के साथ ही भारत का टेनिस में 1996 के बाद ओलंपिक पदक जीतने का सूखा बरकरार रहा. हालांकि, दिग्गज लिएंडर पेस ने अटलांटा ओलंपिक के पुरुष एकल में कांस्य पदक जीकर भारत के खाते में एक और मेडल जोड़ दिया.

बोपन्ना ने खुद को 2026 एशियाई खेलों से बाहर करते हुए कहा, ‘यह निश्चित रूप से देश के लिए मेरा आखिरी टूर्नामेंट था. मैं पूरी तरह से समझता हूं कि मैं किस स्थिति में हूं. मैं अब जब खेल सकूंगा तब टेनिस का लुत्फ उठाउंगा.’  वह पहले ही डेविस कप से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं. बोपन्ना ने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा, ‘मैं जहां हूं वह मेरे लिए पहले ही किसी बड़े बोनस की तरह है. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं दो दशकों तक भारत का प्रतिनिधित्व करूंगा.

22 साल का मेरा करियर शानदार रहा
उन्होंने कहा कि मैंने 2002 में करियर की शुरुआत की थी और  22 साल बाद भी भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल रहा है. मुझे इस पर बेहद गर्व है. बोपन्ना ने कहा कि 2010 में ब्राजील के खिलाफ डेविस कप का पांचवां मुकाबला राष्ट्रीय टीम के लिए उनका सबसे यादगार मैच है. उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से डेविस कप इतिहास में एक है. वह अब तक मेरा सबसे अच्छा पल है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि चेन्नई में वह पल और फिर सर्बिया के खिलाफ बैंगलोर में 5 सेट में मैच जीतना भी यादगार मौका था.

टेनिस स्टार ने कहा, ‘उस समय टीम का माहौल शानदार था. ली (लिएंडर पेस) के साथ खेलना, कप्तान के रूप में महेश भूपति के साथ खेलना कमाल का अनुभव था. उस समय मैं और सेमदेव (देववर्मन) एकल में खेलते थे और हम सभी ने पूरे जी-जान से मुकाबला किया था, यह अविश्वसनीय था. बेशक अपना पहला पुरुष युगल ग्रैंड स्लैम जीतना और विश्व नंबर एक बनना बड़ी उपलब्धि रही है. मैं अपनी पत्नी सुप्रिया का आभारी हूं, जिन्होंने इस यात्रा में बहुत सारे बलिदान किए हैं.’ 

उन्होंने कहा, 'जब मैं इसे करने के लिए तैयार हो जाऊंगा तो निश्चित रूप से उन पदों पर गौर करूंगा. मैं अभी प्रतिस्पर्धा और यात्रा कर रहा हूं ऐसे में अभी इस तरह की जिम्मेदारी नहीं निभा सकता हूं. मैं इस समय इसके प्रति अपनी सौ प्रतिशत प्रतिबद्धता नहीं दे पाऊंगा. बोपन्ना ने कहा कि ओलंपिक मुकाबले में फ्रांस की टीम में मोनफिल्स की मौजूदगी से उनका काम मुश्किल हो गया. मोनफिल्स  ने आखिरी समय में फैबियन रेबॉल की जगह ली थी. (इनपुट- PTI)

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