डीएनए हिंदी: पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 15 साल बाद आज राज़ खोल दिया है कि साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को क्यों कप्तान बनाया गया था. उन्होंने कहा कि धोनी के अंदर कुछ ऐसी बातें थीं जो किसी भी कप्तान में होनी चाहिए और इसलिए उन्होंने उनके नाम की सिफारिश की थी. धोनी को कई सीनियर खिलाड़ियों को अनदेखा करके यह जिम्मेदारी दी गई थी. सचिन ने इंफोसिस के एक कार्यक्रम में इस बारे में बात की थी. बता दें कि साल 2007 में धोनी को टी20 टीम का कप्तान बनाया गया था और उनकी कप्तानी में ही टीम इंडिया ने पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था.
MS Dhoni की खूबियों से प्रभावित थे सचिन
सचिन ने बताया कि मैंने महेंद्र सिंह धोनी से काफी बातचीत की थी और वह भी खास तौर पर जब मैं स्लिप में फील्डिंग करता था. उस वक्त राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान थे लेकिन तब मैंने सीधे धोनी से पूछा कि उनका क्या मानना है. सचिन कहते हैं इसके जवाब में वह बहुत ही संयमित थे और उन्होंने बहुत सुलझे तरीके से अपनी बात की थी. मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि कप्तान के लिए जरूरी होता है कि वह विपक्षी टीम से ज्यादा स्मार्ट हो और उनकी रणनीतियों को समझे. धोनी इसके लिए बेहतरीन विकल्प थे और मैंने इन्हीं गुणों को देखते हुए उनके नाम की सिफारिश की थी.
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BCCI से सचिन ने ही की थी धोनी के नाम की सिफारिश
सचिन तेंदुलकर ने इंफोसिस के एक कार्यक्रम में खुलासा किया कि उन्होंने बीसीसीआई से युवा एमएस धोनी को टीम के कप्तान बनाने की सिफारिश की थी. जिस वक्त धोनी को कप्तानी सौंपी गई थी उस वक्त वह सिर्फ 26 साल के थे. सचिन कहते हैं,'जब बोर्ड की ओर से मुझे कप्तानी की पेशकश की गई थी तब हम हम इंग्लैंड में थे. मैंने इनकार करते हुए कहा कि हमें एक युवा पर भरोसा दिखाना चाहिए जिसमें अच्छे नेतृत्व के सभी गुण हैं. वह ऐसा व्यक्ति है जिसे आपको करीब से देखना चाहिए.'
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