डीएनए हिंदी: ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया है. उन्होंने गुरुवार, 21 दिसंबर को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चुनाव के नतीजे आने के बाद यह फैसला लिया. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के WFI अध्यक्ष चुने जाने के बाद साक्षी ने ऐलान किया किया कि वह कुश्ती को त्याग रही हैं. बता दें कि WFI के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का गंभीर आरोप लगे थे. जिसके बाद देश के शीर्ष पहलवानों ने प्रदर्शन किया था.
साक्षी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संन्यास का ऐलान करते हुए कहा, "अगर प्रेसीडेंट बृजभूषण जैसा आदमी ही रहता है, जो उसका सहयोगी है, उसका बिजनेस पार्टनर है. वो अगर इस फेडरेशन में रहेगा तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं. मैं आज के बाद आपको कभी भी वहां नहीं दिखूंगी." ये कहते हुए साक्षी रोने लगीं.
'बृजभूषण का राइट हैंड बना प्रेसिडेंट'
साक्षी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "बहुत साल लगे ये हिम्मत बनाने के लिए, इस फेडरेशन के प्रेसिडेंट के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए. हमें बहुत साल लगे कि हमने हिम्मत बनाई और प्रोटेस्ट किया. लेकिन आप सबको नतीजा पता ही है. प्रेसिडेंट जो है उसके बेटे से भी प्रिय है. उसका राइट हैंड प्रेसिडेंड बना है."
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सरकार ने वादा पूरा नहीं किया - साक्षी
साक्षी ने कहा, "सरकार ने जो वादा किया था वो पूरा नहीं हुआ. हमारी मांग थी कि महिला प्रेसिडेंट, कि महिला प्रेसिडेंट होगी तो शोषण नहीं होगा. पहले भी महिला की कोई भागीदारी नहीं थी और आज भी किसी महिला कोई स्थान नहीं दिया गया है. ये लड़ाई हमने पूरी हिम्मत करके लड़ी और ये जारी रहेगी. भविष्य के पहलवानों को भी ये लड़ाई लड़नी पड़ेगी."
उन्होंने आगे कहा, "लड़ाई लड़ी, पूरे दिल से लड़ी... हम 40 दिनों तक सड़कों पर सोए और देश के कई हिस्सों से बहुत सारे लोग हमारा समर्थन करने आए. सभी देशवासियों को धन्यवाद जिन्होंने आज तक मेरा इतना सपोर्ट किया.
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