डीएनए हिंदी: फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले सरफराज खान को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जगह मिली है. 2 फरवरी से विशाखापट्टनम में शुरू हो रहे इस मुकाबले में सरफराज डेब्यू कर सकते हैं. उन्होंने दूसरे टेस्ट से पहले बीसीसीआई से बात करते हुए उन दिनों को याद किया, जब लगातार रन बनाने के बावजूद उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिल रही थी. सरफराज ने कहा कि टीम इंडिया में जगह मिलने का इंतजार करते-करते मेरे आंखों में आंसू आ गए थे. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि टेस्ट खेलने के लिए धैर्य रखने की जरूरत होती है.
सरफराज ने बीसीसीआई से कहा, "अगर हमें टेस्ट खेलना है तो धैर्य रखना ही पड़ेगा. कई बार ऐसा होता है कि जीवन में हम जल्दी कर जाते हैं. टीम इंडिया में जगह मिलने का इंतजार करते-करते मेरे आंखों में आंसू आ गए थे. मेरे अब्बू ने यही कहा कि तुम बस मेहनत करते रहो, तुम्हें कोई नहीं रोक सकता. मुझे लगता है कि भरोसा और धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है. खुद से ज्यादा मैं अपने अब्बू के लिए खुश हूं. सवा सौ करोड़ की आबादी में इंडिया के टीम में आना बहुत गर्व की बात होती है."
सेलेक्शन होने पर नहीं हो रहा था यकीन
दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में चुने जाने से पहले सरफराज इंडिया-ए के लिए खेल रहे थे. इंग्लैंड लॉयंस के खिलाफ दूसरे अनऑफिशियल टेस्ट में उन्होंने शतक भी लगाया था. सरफराज ने कहा कि जब उन्हें टीम इंडिया में सेलेक्शन की खबर मिली तो उन्हें यकीन नहीं हो रहा था. वहीं जब उन्होंने अपने घर के लोगों को इसकी जानकारी दी तो सभी इमोशनल हो गए थे. सरफराज ने कहा, "मैं रणजी ट्रॉफी के लिए जाने वाला था, तो उसके लिए पैकिंग करने जा रहा था. इंडिया-ए के कपड़े पैक करके साइड में रख दिया था. अचानक मुझे कॉल आया कि मेरा सेलेक्शन हो गया है. पहले तो मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरा सेलेक्शन हो गया है. फिर घर में बताया. अब्बू गांव में थे, मैंने उन्हें कॉल किया तो वह खुश हो गए. घर में सब इमोशनल हो गए. मेरी वाइफ, अम्मी-अब्बू सब इमोशनल हो गए थे."
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पापा की मेहनत को बेकार नहीं जाने देना चाहता था
सरफराज ने कहा, "सभी लोगों को पता है कि वही (सरफराज के पिता) मेरे कोच हैं. यही सपना था कि जो भी उनकी मेहनत हुई है मेरे ऊपर, उसको बेकार नहीं जाने दूं और एक न एक दिन इंडिया के लिए सेलेक्ट हो जाऊं."
उन्होंने आगे कहा, "ऐसा लगा कि मैंने जो मेहनत की है वह बेकार नहीं गई. अभी मैं टीम में आ गया हूं... बहुत खुशी हुई. एक सपना देखा ऐसे कि इंडिया-ए के प्लेयर्स मुझे बधाई दे रहे हैं और हाथ मिला रहे हैं. सपने आते-जाते रहते थे कि मैं इंडिया के लिए सेलेक्ट हो जाऊंगा, क्योंकि मैं रन बना रहा हूं. तो जो भी चीज होती है, अच्छे के लिए ही होती है. हां, सपना था... जब भी खेलूंगा तो यह सच हो जाएगा."
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