डीएनए हिंदी: शुभमन गिल (Shubman Gill) ने हैदराबाद में बुधवार को इतिहास रच दिया. वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक (Shubman Gill Double Hundred) जड़ने वाले शुभमन गिल दुनिया के 8वें बल्लेबाज बन गए हैं. उन्होंने अपनी 208 रन का पारी में 19 चौके और 9 छक्के लगाए. इस ऐतिहासिक पारी की बदौलत भारतीय ओपनर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag), रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और ईशान किशन (Ishan Kishan) जैसे बल्लेबाजों की श्रेणी में शामिल हो गए, जिन्होंने वनडे में दोहरा शतक (Double Century in ODI) जड़ने का कारनामा किया है. गिल के शतक के बाद क्रिकेट जगत से उन्हें बधाई मिल रही हैं और चारों ओर उनकी तारीफ हो रही है. लेकिन गिल ने बताया कि दूसरे छोर ने उन्हें किसी का भी साथ नहीं मिला. चालिए जानते हैं कि गिल ने कैसे अपना दोहरा शतक पूरा किया.
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न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले शुभमन गिल का मानना है कि दूसरे छोर से विकेट गिरते रहने के बावजूद लगातार ढीली गेंदों को नसीहत देने की उनकी रणनीति से ऐसी पारी खेलने में मदद मिली. गिल ने 50वें ओवर तक डटे रहकर शानदार दोहरा शतक जमाया. उन्हें दूसरे छोर से मदद नहीं मिली लेकिन उन्होंने बीच के ओवरों में चौके-छक्के लगाकर रनगति बनाए रखी. उन्होंने अपनी पारी की आखिरी दस गेंदों में छह छक्के लगाए. जीत के बाद उन्होंने कहा ,‘‘यह पारी मेरे लिए काफी मायने रखती है. मैं श्रीलंका के खिलाफ पहले और तीसरे मैच में बड़ी पारी नहीं खेल सका. यहां बड़ा स्कोर बनाना चाहता था.’’
उन्होंने कहा ,‘‘जब विकेट गिर रहे थे तब भी मेरा इरादा यही था कि कमजोर गेंदों को मैं छोड़ूंगा नहीं.’’ लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे गिल ने इस पर खुशी जताते हुए कहा,‘‘निरंतरता मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण है. यह सफलता की चाबी है. एक बल्लेबाज के तौर पर हर प्रारूप में मेरी यही कोशिश रहती है. जब आपकी मेहनत रंग लाती है तो अच्छा लगता है.’’ दोहरे शतक के बाद उन्होंने अपने पिता और मेंटोर युवराज सिंह के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा,‘‘युवी पाजी मेरे मेंटोर रहे हैं, बड़े भाई की तरह. मैं अपनी बल्लेबाजी के बारे में उनसे बात करता रहता हूं. मेरे पिता मेरे शुरूआती कोच रहे हैं और मुझे खुशी है कि उन्हें गौरवान्वित कर सका.’’
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