साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के सामने झुकी सरकार, WFI ने संजय सिंह को अध्यक्ष पद से किया सस्पेंड

Written By मोहम्मद साबिर | Updated: Dec 24, 2023, 12:45 PM IST

बजरंग पूनिया से समेत अन्य खिलाड़ियों की महनत लाई रंग

केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ की नई संस्था की मान्यता को भी रद्द कर दिया है और साथ ही भारतीय कुश्ती संघ के नए चीफ को भी सस्पेंड कर दिया है.

डीएनए हिंदी: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के नए चीफ संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ की नई संस्था की मान्यता को भी रद्द कर दिया है. कुश्ती महासंघ पर ये कार्रवाई राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता को जल्द आयोजित करने को लेकर हुई है. पूर्व चीफ बृज भूषण सिंह को संजय सिंह का गरीबी बताया जा रहा है, जिसकी वजह ने संजय के अध्यक्ष बनने के बाद खिलाड़ियों ने विरोध जताया था. लेकिन क्या केंद्रीय खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों के विरोध की वजह से इस कार्रवाई को अंजाम दिया है या इसके पीछे कुछ और ही मामला है.  

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भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के लिए चुनाव हुए थे और इस चुनाव में पूर्व डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण सिंह के काफी करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी. लेकिन उसके बाद से पहलवानों ने इस पर भी आपत्ति जताई थी. संजय के चीफ बनने के बाद खिलाड़ियों को कहना था कि संजय सिंह बृज भूषण सिंह के काफी करीबी हैं, जिसकी वजह से डब्ल्यूएफआई में किसी भी तरह का सुधार होना काफी मुश्किल दिख रहा है. हालांकि कुश्ती महासंघ की मान्यता और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष को सस्पेंड करने का कारण कुछ और ही है. 

ये है पूरा मामला

आपको बता दें कि खेल मंत्रालय ने रविवार 24 दिसंबर को भारतीय कुश्ती संघ और अध्यक्ष को संजय सिहं को सस्पेंड कर दिया है. इस कार्रवाई से पहलवानों को कोई लेना देना नहीं है. खेल मंत्रालय ने इस कार्रवाई को करते हुए कहा कि राष्ट्रीय कुश्ती की प्रतियोगिता को जल्दबाजी में कराने का ऐलान किया गया है और इस वजह से नियमों का पालन नहीं हुआ है. इस प्रतियोगिता का आयोजन बृज भूषण सिंह के इलाके गोंडा में होना था. 

सूत्र ने पीटीआई को बताया, "डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर को जिस दिन उन्हें अध्यक्ष चुना गया था. उन्होंने घोषणा की थी कि इस साल के लिए कुश्ती के लिए अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय मुकाबले यूपी के नंदिनी नगर, गोंडा में होंगे. उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना और डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना, ये घोषणा जल्दबाजी में की है. डब्ल्यूएफआई के संविधान की प्रस्तावना के खंड 3ई के अनुसार, आपत्ति है डब्ल्यूएफआई को अन्य बातों के अलावा, कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करनी है."

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