जानिए कौन हैं सुनील छेत्री, जिन्होंने भारत में बढ़ाई इस खेल की चमक

Written By पुनीत जैन | Updated: May 16, 2024, 07:11 PM IST

Sunil Chhetri

Indian Football Team के Captain Sunil Chhetri ने अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है. सुनील ने कहा वह साल 2026 में कुवैत के खिलाफ वल्ड कप क्वालिफायर के बाद इंटरनेशल फुटबॉल से किनारा कर लेंगे.

भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने इंटरनेशल फुटबॉल से अपने संयास को लेकर बड़ी घोषणा कर दी है. 16 मई यानी कि आज उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर इस बात का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक, कुवैत के खिलाफ वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफायर के बाद वह के लिए इंटरनेशल फुटबॉल को हमेशा के लिए अलविदा कह देंगे. आइए जानते हैं सुनील छेत्री के बारे में सब कुछ. 

ऐसे शुरू किया Sunil ने अपना करियर
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त, 1984 में आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद (वर्तमान में तेलंगाना) में हुआ था. सुनील ने अपने करियर की शुरुआत साल 2002 में मोहन बागान एथलेटिक क्लब से की, जिसके बाद वह जगतजीत कॉटन एंड टेक्सटाइल फुटबॉल क्लब (जेसीटी) में चले गए. यहां उन्होंने मात्र 48 गेम खेलें, जिन्में उन्होंने 21 गोल किए. इसके बाद वह दिल्ली में आयोजित संतोष ट्रॉफी के 59वें टूर्नामेंट में दिल्ली टीम का हिस्सा बने. टूर्नामेंट में उन्होंने दिल्ली के लिए एक अहम भूमिका निभाई लेकिन फाइनल में केरल के खिलाफ टीम को करारी हार मिली. 


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टीम में निभाई अहम भूमिका
उन्होंने साल 2007,2209, 2012 में नेहरू कप और 2011,2015, 2021 और 2023 में SAFF चैम्पियनशिप जीतने में टीम में अहम भूमिका निभाई. साल 2008 में उन्होंने एएफसी चैलेंज कप में भारत को जीत दिलाई, जिसमें उन्हें मात्र 28 साल की उम्र में एएफसी एशियाई कप के लिए क्वालिफाई किया. साल 2010 में उन्होंने मेजर लीग सॉकर टीम कैनसस सिटी विजार्ड्स के लिए साइन किया. साल 2016 में छेत्री ने बेंगलुरू एफसी को एएफसी कप में रजत पदक दिलाया. 


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Sunil Chhetri के मिली इतनी उपलब्धियां
इतना ही नहीं अपने करियर के दौरान उन्हें कई रिकॉर्ड्स भी हासिल किए हैं और उन्हें कई तरह के पुरस्कार से भी नवाजा गया हैं. वह सात बार 2007, 2011, 2013, 2014, 2017, 2018-19 और 2021-22 में एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर बने. खेल में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 2011 में 'अर्जुन पुरस्कार', 2019 में 'पद्मा श्री पुरस्कार' और साल 2021 में भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान 'खेल रत्न पुरस्कार' भी मिला है. खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले वह भारत के पहले फुटबॉलर हैं.

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