विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया है. सेमीफाइनल जीतकर उन्होंने मेडल कन्फर्म करने के साथ ही इतिहास रच दिया है. वह पहली महिला भारतीय पहलवान हैं जिन्होंने फाइनल में जगह बनाई है. विनेश पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक जैसे पहलवानों के साथ वह जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में शामिल थीं. उस वक्त नम आंखों और पुलिस के घसीटकर ले जाने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. 6 अगस्त 2024 को भारत की इस बेटी ने पेरिस के सीने पर इतिहास रच दिया है.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ किया था प्रदर्शन
पूर्व बीजेपी सांसद और तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विनेश फोगाट भी प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में शामिल थीं. जनवरी के सर्द दिनों में दिल्ली की सड़क पर प्रदर्शन करती विनेश को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल भी किया गया था. इतना ही नहीं उनकी चचेरी बहनों गीता फोगाट और बबीता फोगाट भी उनके समर्थन में नहीं उतरी थीं. करीब डेढ़ साल बाद विनेश ने पेरिस में भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है.
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आजीवन योद्धा की तरह डटी रही हैं विनेश फोगाट
विनेश फोगाट के जीवन में कुश्ती और संघर्ष हमेशा साथ चले हैं. हरियाणा के मशहूर फोगाट परिवार में जन्मी विनेश के लिए पहलवानी का रास्ता आसान नहीं था. महज नौ साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. कुश्ती में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व कई टूर्नामेंट में किया है, लेकिन टोक्यो ओलंपिक में पदक नहीं जीत सकी थीं.
बाद में उन्हें करियर में विवाद और बृजभूषण शरण सिंह मामले में सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरना पड़ा था. अपने संघर्ष और आंसुओं का विनेश ने पूरा हिसाब चुकता कर लिया और देश के लिए मेडल जीतने में कामयाब हो गई हैं.
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