डीएनए हिंदी: आज के दौर में जब भी नेपोटिज्म की बात आती है तो दिमाग में सबसे पहले बॉलीवुड आता है. मगर ये पूरा सच नहीं है. सोशल मीडिया यूजर्स क्रिकेट को भी भाई-भतीजावाद के रंग से रंगा हुआ मान रहे हैं. हाल ही में सोशल मीडिया यूजर्स ने टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग को आड़े हाथों लिया है. मंगलवार (6 दिसंबर) को दिल्ली और डिस्ट्रिक क्रिकेट यूनियन (डीडीसीए) ने विजय मर्चेंट ट्रॉफी में बिहार के खिलाफ होने वाले मैच के लिए 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की. जिसमें 15वें नंबर पर विरेंद्र सहवाग के बड़े बेटे आर्यवीर सहवाग का नाम भी शामिल है
हालांकि, आर्यवीर का नाम आखिरी 11 खिलाड़ियों में नहीं लेकिन रिजर्व में उनका नाम देखने के बाद यूजर्स सेलेक्टर्स पर सवाल उठाने लगे हैं. कुछ ने कहा कि आर्यवीर का दिल्ली अंडर-16 टीम में सेलेक्ट होने के पीछे की वजह वीरेंद्र सहवाग का कद बताया है, जबकि अन्य ने स्पष्ट रूप से इसे नेपोडिज्म का एक और मामला बताया.
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इस बात में कोई हैरानी नहीं होगी कि सोशल मीडिया पर ट्रोल बेहद ही आसानी से किसी स्टार किड को जज कर लेते हैं कि वह उनके माता-पिता के रसूख के साथ उनके बेटे के टैलेंट को जज करने लगते हैं. वे ये तक भी देखना नहीं चाहते कि क्या वह बच्चा वास्तव में टैलेंटेड है या नहीं!
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सोशल मीडिया यूजर्स लगातार आर्यवीर के सेलेक्शन पर सवाल उठा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, "नेपोटिज्म हर तरफ है". दूसरे यूजर ने लिखा, "सहवाग का बेटा 15 साल का है जबकि कई प्रतिभाशाली बच्चे तो टीम में शामिल ही नहीं हैं."
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