अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ की एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट ने भारत की वायर शॉट पुट थ्रोअर रचना कुमारी पर कई बार डोपिंग परीक्षण में नाकाम रहने के बाद 12 साल का प्रतिबंध लगा दिया. तीस वर्षीय रचना के प्रतियोगिता से पहले लिए गए डोप नमूने में स्टेरॉयड स्टैनोज़ोलोल, मेटांडिएनोन, डीहाइड्रोक्लोरोमिथाइलटेस्टोस्टेरोन और क्लेनब्यूटेरोल पाया गया. एआईयू ने एक्स (ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में कहा कि रचना कुमारी पर 24 नवंबर 2023 से 12 साल का प्रतिबंध लगाया गया है. इस खिलाड़ी के 24 सितंबर 2023 के बाद के सभी परिणाम को अमान्य माना जाएगा. इस कारण वह अपने खिताब, पुरस्कार, पदक, अंक आदि सब गंवा देंगी.
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रचना पर पहली बार बैन नहीं लगा है. इससे पहले 2015 में डोप टेस्ट में वह फेल हो गई थीं, जिसकी वजह से उनपर 4 साल का बैन लगाया गया था. वह 2019 तक प्रतिस्पर्धा से बाहर रही थीं. पिछले साल भारत की 68 सदस्यीय टीम एशियम गेम्स में भाग लेने के लिए चीन के हांग्जो गई थी, जिसका रचना कुमारी हिस्सा थीं. हालांकि उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रही और वह पहले ही चरण में 9वें स्थान पर रहने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं. रचना ने 58.13 मीटर का थ्रो किया था.
बैन झेलने वाले भारतीय स्टार एथलीट्स
रचना ने अभी तक कोई अंतरराष्ट्रीय पदक नहीं जीता है. उनका पर्सनल बेस्ट थ्रो 65.03 मीटर का है, जो उन्होंने पिछले साल जून में हुए अंतरराज्यीय चैंपियशिप में फेंका था और गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था. हालांकि डोप टेस्ट में फेल होने के बाद बैन झेलने वाली वह इकलौती एथलीट नहीं हैं. टोक्यो ओलंपिक्स में भाग लेने वाले डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत कौर पर भी बैन लग चुका है, जो टोक्यो 2020 में छठे स्थान पर रही थीं. इसके अलावा सीमा पुनिया, दीपा करमाकर और शिवपाल सिंह भी बैन झेल चुके हैं.
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