भारतीय महिला तीरंदाजों ने रचा इतिहास, World Championship में देश को पहली बार दिलाया गोल्ड

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 05, 2023, 11:10 AM IST

World Championship Archery: तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप 1981 में शुरू हुई थी लेकिन भारत हमेशा ही सिल्वर मेडल या ब्रॉन्ज ही जीतता था. इस बार भारत ने गोल्ड जीतकर इतिहास रच लिया है.

डीएनए हिंदी: भारत की तीरंदाजी टीम ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में जारी विश्व तीरंदाजी चैंपियशिप में इतिहास रच दिया है. भारतीय टीम में शामिल ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की कंपाउंड तीरंदाजी में मेक्सिको को हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया है और 42 साल के बाद इतिहास रच दिया है, क्योंकि भारत ने पहली बार गोल्ड मेडल में अपना खाता खोला है. 

बता दें कि भारत ने 1981 में पुंटा अला (इटली) में विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप की शुरुआत के बाद यह पहली बार तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. भारत ने पिछली बार नीदरलैंड में हुई 2019 की तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में पदक जीता था. तरुणदीप राय, अतनु दास और प्रवीण जाधव की पुरुष टीम ने सिल्वर मेडल जीता था. भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर टीम को शुभकामनाएं दी हैं.

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भारत के लिए जीता पहला गोल्ड मेडल

गौरतलब है कि भारतीय महिला टीम ने एकतरफा फाइनल मुकाबले में टॉप सीड मेक्सिको को 235-229 से हराकर विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है. भारत ने इससे पहले सेमीफाइनल में कोलंबिया और क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे को बुरी तरह हराया था.

इससे पहले विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप के रिकर्व वर्ग में भारत चार बार और गैर-ओलंपिक कंपाउंड वर्ग में पांच बार फाइनल में हार चुका है. इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम की मेंबर ज्योति ने कहा है कि हमने काफी सिल्वर मेडल जीते थे और हमने कल सोच लिया किया था कि अब हम स्वर्ण जीतेंगे. यह एक शुरुआत है, हम और अधिक पदक जीतेंगे.

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जीत से उत्साहित टीम के सदस्य

इससे पहले हाल ही में अंडर-18 विश्व चैंपियन बनने वाली 17 साल की अदिति इस टीम की सबसे जूनियर सदस्य हैं. उन्होंने इस जीत के बाद कहा कि देश के लिए पहला पदक जीतना और भारतीय ध्वज को लहराते देखना एक स्पेशल मोमेंट है. ऐसे समय में जब भारतीय रिकर्व तीरंदाजों का ग्राफ गिर रहा है, तो गैर ओलंपिक कंपाउंड वर्ग में इस जीत से टीम का हौसला बढ़ेगा.

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गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट में भारत के सभी रिकर्व तीरंदाज पदक की दौड़ से बाहर हो गए हैं. धीरज बोम्मदेवरा और सिमरनजीत कौर के गुरुवार को प्री-क्वार्टर फाइनल से बाहर होने रिकर्व वर्ग में भारत की चुनौती खत्म हो गई है.

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