Wrestler Protest: पहलवानों को मिला अनिल कुंबले का साथ, रेसलर्स के समर्थन में कह दी बड़ी बात

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 31, 2023, 07:25 AM IST

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भारतीय पहलवानों के साथ हुई बदसलूकी के बाद खेल जगत के कई दिग्गजों ने निराशा जाहिर की है और जल्द समाधान की उम्मीद जताई है.

डीएनए हिंदी: भारतीय टीम के पूर्व महान क्रिकेटर अनिल कुंबले ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के खिलाफ हुई पुलिस की कार्रवाई से निराशा जाहिर की है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे देश के शीर्ष पहलवानों के खिलाफ हुई पुलिस की कार्रवाई से निराश हैं. जंतर मंतर पर दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट सहित ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को जबरदस्ती बस में डाला, जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की. आंदोलनकारी पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. 

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उन्होंने संसद की नई इमारत के पास उस दिन महिला महापंचायत का आह्वान किया जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था. लेग स्पिनर कुंबले को लगता है कि इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाया जा सकता था. टेस्ट क्रिकेट में चौथे सबसे ज्यादा विकेट झटकने वाले 52 वर्षीय कुंबले ने मंगलवार को कहा, ‘‘28 मई को हमारे पहलवानों के साथ जो हाथापाई हुई, उसे सुनकर काफी निराश हूं. हर चीज उचित बातचीत से सुलझाई जा सकती है. इस मुद्दे के जल्द हल निकलने की उम्मीद करता हूं." सोमवार को ओलंपिक चैम्पियन निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, भारत के सबसे सफल फुटबॉलर सुनील छेत्री और पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी पहलवानों के खिलाफ कार्रवाई की आलोचना की थी. 

आपको बता दें कि मंगलवार को साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित करने सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर ऐसा नहीं किया हालांकि अपनी मांगे मानने के लिये पांच दिन का समय दिया है. प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही ‘हर की पौड़ी’ पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी. साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता रोती हुई दिखाई दीं. पहलवान ‘हर की पौड़ी’ पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे. फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गए.

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