डीएनए हिंदी: भारत की पहली कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन महिला पहलवान गीता फोगाट (Geeta Phogat) को पुलिस ने उनके पति पवन सरोहा समेत हिरासत में ले लिया. गुरुवार को वह अपने पति के साथ जंतर मंजर पर धरना प्रदर्शन (Wrestler Protest) कर रह देश के पहलवानों का का समर्थन करने के लिए जा रही थीं. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ पहलवानों का धरना जारी है. जहां देश के जाने माने पहलवान, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट धरना दे रहे हैं.
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इस मामले पर आज सुप्रिम कोर्ट का फैसला भी आया. भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की याचिका पर सुनवाई बंद करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पहलवानों ने किसी तरह का झटका मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वे अपना विरोध जारी रखेंगे. पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया है. उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को तीन महिला पहलवानों की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा, "हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं, हमारा विरोध जारी रहेगा." उन्होंने कहा, "उच्चतम न्यायालय का आदेश झटका नहीं है, इस मामले में न्यायालय जो कर सकता था, उसने वह किया." पहलवानों ने आगे कहा कि वे अपने सीनियर्स से सलाह लेने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे. विनेश फोगाट ने कहा, "हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं, सीनियर्स से सलाह लेने के बाद फैसला करेंगे."
पहलवानों ने पुलिस पर भी लगाए आरोप
विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने गुरुवार को दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उनका जेनरेटर सेट और सुखाने के लिए रखे गद्दे ले लिए हैं. प्रदर्शन स्थल के पास भारी पुलिस बल तैनात है. जेनरेटर सेट नहीं होने के कारण प्रदर्शनकारियों को अपना भाषण बिना माइक्रोफोन के देना पड़ा. एक पहलवान ने कहा, "दिल्ली पुलिस हमारे उन गद्दों को ले गई है जिन्हें हमने सुखाने के लिए रखा था. उन्होंने हमारा जनरेटर सेट भी ले लिया है." धरना स्थल की ओर जाने वाली सड़कों पर भारी पुलिस बंदोबस्त था. बजरंग पूनिया ने बुधवार रात को किसानों और आम जनता के समर्थन की मांग करते हुए जंतर मंतर पहुंचने का आह्वान किया था. बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए अधिक पुलिस बल को तैनात किया गया है.
बुधवार की रात करीब 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ उस समय हाथापाई हो गई, जब वे अपने रात्रि विश्राम के लिए फोल्डिंग चारपाई ला रहे थे. उनके पुराने गद्दे बारिश के कारण गीले हो गये थे. ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर इस बारे में पूछताछ शुरू कर दी थी. इसके बाद पुलिस और पहलवानों में झड़प शुरू हो गई.
पहलवानों ने पदक और पुरस्कार लौटाने की दी धमकी
दिल्ली पुलिस के खराब व्यवहार से आहत प्रदर्शनकारी पहलवानों ने गुरुवार को अपने पदक और पुरस्कार सरकार को लौटाने की धमकी देते हुए कहा कि अगर उनका इस तरह से अपमान किया जाता है तो फिर इन पुरस्कारों का कोई मतलब नहीं है. बुधवार की रात लगभग 11 बजे तब हंगामा शुरू हो गया जब पहलवान सोने के लिए फोल्डिंग चारपाई लेकर आए और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने इसके बारे में पूछताछ शुरू कर दी क्योंकि नियमों के अनुसार प्रदर्शन स्थल पर इस तरह की चीजें लाने की अनुमति नहीं है. विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने दावा किया कि पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उन्हें धक्का दिया और उनके लिए अपशब्दों का उपयोग किया जिससे उनके आंसू आ गए. संगीता फोगाट के भाई दुष्यंत सहित दो पहलवानों को चोटें आई हैं.
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने गुरुवार की सुबह पत्रकारों से कहा, "अगर पहलवानों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है तो फिर हम इन पदकों का क्या करेंगे. इसके बजाय हम अपने सभी पदक और पुरस्कार भारत सरकार को लौटाकर सामान्य जिंदगी जिएंगे." विनेश, साक्षी और बजरंग तीनों देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेल रत्न विजेता हैं. साक्षी को साल 2017 और बजरंग को साल 2019 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया. बजरंग ने कहा, "जब पुलिस हमें धक्का दे रही है, हमारे लिए अपशब्द कह रही है, हमारे साथ दुर्व्यवहार कर रही है तब वे यह नहीं देखते कि हम पद्मश्री पुरस्कार विजेता है और सिर्फ मैं ही नहीं यहां साक्षी (मलिक) भी है."
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