डीएनए हिंदी: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंग ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी को लेकर एक बयान दिया है, जिसके बाद क्रिकेट जगत में बवाल मच गया है. युवराज ने कहा कि एमएस धोनी उनके कुछ खास अच्छे दोस्त नहीं थे. युवराज ने एक यूट्यूब चैनल पर शो के दौरान इस बयान को दिया है. इसके अलावा उन्होंने धोनी को लेकर कई बातें भी की है. आइए जानते हैं कि युवराज ने धोनी को लेकर और क्या कहा है.
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युवराज सिंह ने एक यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए पूर्व कप्तान धोनी को लेकर एक बयान दिया है. यूट्यूब शो में युवराज से धोनी के साथ रिश्ते को लेकर पूछा गया, जिसके बाद युवराज ने कहा कि आप ये क्यों पूछ रहे है? हालांकि जोर देने के बाद उन्होंने कहा कि मैं और माही एक अच्छे दोस्त नहीं थे. हम सिर्फ मैदान पर दोस्त थे. मेरी लाइफ स्टाइल बिल्कुल अलग थी. इसी वजह से हम दोनों कभी भी क्लोज फ्रेंड नहीं थे. हालांकि जब भी हम मैदान पर होते थे, तो अपना पूरा सौ प्रतिशत देते थे. वो कप्तान थे और मैं उपकप्तान था. हम लोगों के निर्णय अलग थे. कभी-कभी मुझे उनके निर्णय सही नहीं लगते थे और कभी-कभी उन्हें मेरे निर्णय सही नहीं लगते थे और ये किसी भी टीम में होता रहता है.
उन्होंने आगे कहा कि जब मेरा करियर खत्म होने पर था. जो मुझे समझ नहीं आ रहा था क्या करना है. 2019 वर्ल्ड कप में धोनी ने ही मुझसे कहा था कि सिलेक्शन कमेटी आपको नहीं चुनने वाली है. फिर मैंने कहा चलो किसी ने तो मेरी सही पिच्चर दी. बस यही सच्चाई है. मैदान के बाहर कोई भी आपको दोस्त नहीं है. सभी लोगों का लाइफ स्टाइल काफी अलग-अलग होता है. आप कोई भी टीम उठा ले पूरे 11 के 11 खिलाड़ी एक जैसे नहीं होंगे. लेकिन जब आप मैदान पर हैं, आपको अपनई ईगो किनारे करनी होगी और टीम के लिए खेलना होगा. एक बार धोनी चोटिल हो गए थे और वो बांग्लादेश के खिलाफ खेल रहे थे. तब मैंने उनके लिए रनर का काम किया था. मुझे याद है कि वो 90 आस-पास थे और मैं ये सोच रहा था कि उनका शतक पूरा हो. मैंने उनके शतक के लिए दो रन लिए डाई लगाई. उसके बाद वर्ल्ड कप में मैं 48 रनों पर था और तब धोनी ने मेरी फिफ्टी पूरी करवाई.
युवराज ने और आगे बात करते हुए कहा कि मुझे याद है कि वर्ल्ड कप फाइनल में गौतम गंभीर के आउट होने के बाद मैं मैदान पर गया था, क्योंकि मैं लेफ्टी हूं. फिर विराट आउट हुआ, तो धोनी खुद आए और ये सही निर्णय था. क्योंकि दोनों तरफ से लेफ्ट स्पिनर्स लगे थे. तो ये टीम के लिए अच्छा निर्णय था. दोस्ती से ज्यादा जरूरी है टीम के लिए खेलना है. वो मेरे लिए अच्छी कामना करते होंगे और मैं उनके लिए करता हूं. मैं और धोनी दोनों ही संन्यास ले चुके हैं और जब भी हम मिलते है एक दोस्त की तरह मिलते है. भज्जी के साथ मैं अंडर-16 से खेला हूं. जहीर, अशीष और हरभजन से मैं भारत के लिए खेलने से पहले मिला था. जिनको मैं इंडिया खेलने के बाद मिला हूं. उसमें कई अच्छे है कई नहीं और कई तो बहुत अच्छे हैं. हालांकि एक-दो खिलाड़ी ऐसे में हैं, जिनको मैं पसंद नहीं करता हूं और उनका नाम मैं यहां नहीं लूंगा.
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