भरतनाट्यम था इस क्रिकेटर का पहला प्यार फिर क्रिकेट की दुनिया में जड़े सफलता के शतक

मिताली राज की जिंदगी और उनका व्यक्तित्व एक क्रिकेट खिलाड़ी से भी काफी अलग और बड़ा है. उनकी जिंदगी के खास पहलुओं पर एक नजर-

मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए एक आइकन हैं. उनकी नेतृत्व क्षमता की बात हो या खेल के हुनर की, हर मामले में वह एक मिसाल कायम करती हैं. दिलचस्प बात ये है कि मिताली राज की जिंदगी और उनका व्यक्तित्व एक क्रिकेट खिलाड़ी से भी काफी अलग और बड़ा है. आज जानते हैं उनसे जुड़ी ऐसी ही कुछ अलग हटकर बातें-
 

सीखा था भरतनाट्यम

क्रिकेट मिताली का पहला प्यार था. उन्होंने बचपन में भरतनाट्यम भी सीखा और वह क्लासिकल डांसर ही बनना चाहती थीं. लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था और उनकी दुनिया क्रिकेट बन गई. मिताली के पिता इंडियन एयर फोर्स में ऑफिसर थे. वह हमेशा से मिताली को एक्टिव और अनुशासित बनाना चाहते थे. उन्होंने अपने माता-पिता को खुश करने के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया था. 
 

16 साल की उम्र में डेब्यू

सिर्फ 16 साल की उम्र में मिताली ने वन डे क्रिकेट में डेब्यू किया और शतक जड़ दिया. ऐसा करके वह ओडीआई में शतक लगाने वाली सबसे युवा महिला खिलाड़ी बन गईं. 
 

सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड

मिताली राज के नाम महिला क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्‍यादा 220  वनडे मैच खेलने का वर्ल्‍ड रिकॉर्ड है और इस प्रारूप में वो दूसरे स्‍थान पर काबिज भारत की ही झूलन गोस्‍वामी से 28 मैच आगे हैं. उन्होंने अपने ओडीआई करियर में 7,391 रन बनाए हैं जो महिला क्रिकेट में सर्वाधिक रनों का वर्ल्‍ड रिकॉर्ड है.
 

दोहरा शतक

भारत में वह अकेली ऐसी महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ा है. दुनिया में उनका स्थान सातवां है. मिताली अकेली ऐसी भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने दो अलग-अलग वन डे वर्ल्ड कप फाइनल्स में कप्तानी की है. ये साल थे 2005 और 2017.
 

अर्जुन अवॉर्ड से पद्म श्री तक

2003 में उन्होंने अर्जुन अवॉर्ड मिला और सन् 2015 में उन्हें पद्म श्री मिला, जो कि भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. 
 

किताबें पढ़ने का है शौक

मिताली को पढ़ने का बहुत शौक है. सन् 2017 में ओडीआई वर्ल्ड कप फाइनल के दौरान उनकी एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी, जिसमें वह मैच से पहले रूमी की एक किताब पढ़ रही थीं.