रोहित शर्मा की कप्तानी और प्रदर्शन दोनों पर इस टेस्ट में सवाल उठाए जा रहे हैं. सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों का भी मानना है कि इंदौर की पिच पर कुलदीप यादव जैसे चाइनामैन बॉलर का इस्तेमाल होना चाहिए था. इससे अश्विन और जडेजा के ऊपर दबाव कम होता. अक्षर पटेल इस सीरीज में बल्लेबाजी से योगदान दे रहे हैं लेकिन वह विकेट नहीं निकाल पा रहे हैं. साथ ही कप्तान अपने बल्ले से भी दोनों ही पारियों में फ्लॉप रहे हैं. डीआरएस लेने पर भी उनकी काफी आलोचना हो रही है.
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केएल राहुल की जगह पर शुभन गिल को मौका दिया गया जिसे भुनाने में वह पूरी तरह से नाकाम रहे हैं. गिल दूसरी पारी में जिस तरह से खराब शॉट खेलकर आउट हुए हैं उसकी भी काफी आलोचना हो रही है. ओपनिंग जोड़ी के फ्लॉप होने से मध्यक्रम पर दबाव बहुत बढ़ गया.
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विराट कोहली का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में पिछले 3 साल से लगातार ढलान की ओर है. टी20 और वर्ल्ड कप में उनकी फॉर्म देखकर फैंस को उम्मीद थी कि घर पर हो रही टेस्ट सीरीज में वह कमाल करेंगे लेकिन पहली पारी में 22 रन बनाने के बाद दूसरी पारी में वह सिर्फ 13 रन बना सके. दूसरी पारी में उन्हें कुहेनमैन ने एलबीडब्ल्यू आउट किया और स्पिन के खिलाफ उनकी असहजता फिर से दिखी.
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ऋषभ पंत की जगह पर खेलने का मौका केएस भरत को मिला है. उनकी विकेटकीपिंग अच्छी है लेकिन टेस्ट क्रिकेट में विकेटकीपिंग के साथ बल्ले से भी रन बनाना जरूरी है. भरत अभी तक पूरी सीरीज में फ्लॉप साबित हुए हैं.
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रवींद्र जडेजा ने गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया था और पहली पारी में 4 विकेट लेने में कामयाब रहे लेकिन उन्होंने 3 नो बॉल फेंकी. टेस्ट क्रिकेट में नो बॉल फेंकने पर उनकी आलोचना कपिल देव भी कर चुके हैं. दूसरी ओर सिराज कोई विकेट भी नहीं ले सके और 2 नो बॉल डालकर उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई खेमे के सामने अपनी कमजोरी जाहिर कर दी.