डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ियों ने तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद पहली बार ऑस्ट्रेलिया में स्थानीय लीग मैच में हिस्सा लिया. पूर्वी स्टेट विक्टोरिया में एक लीग मैच में अफगानिस्तान के गोल को निरस्त किए जाने के बाद मैच ड्रॉ हो गया.
टीम की कप्तान नीलाब ने एएफपी को बताया, तालिबान खिलाड़ियों को रोक नहीं सकता. हम अभी भी अफगानिस्तान के लोगों और खेल के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. हम देश छोड़कर आ गए लेकिन अपने देश के बारे में सोच रहे हैं. हम अभी भी अपने देश की जीत के लिए काम कर रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया ने Afghan National Football टीम के दर्जनों खिलाड़ियों और उनके रिश्तेदारों को भागने में मदद की थी. तालिबान ने तब से महिलाओं की स्वतंत्रता को गंभीर रूप से कम कर दिया है. लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है और महिलाओं को बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के विमान में चढ़ने से भी रोक दिया है. जैसे ही खिलाड़ी अलग-अलग देशों में भाग गए, महिला टीम बंट गई. खिलाड़ी मेलबर्न और उसके आसपास बस गए हैं. जहां प्रोफेशनल क्लब मेलबर्न विक्ट्री ने उन्हें मैदान पर लौटने में मदद की है.
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साहस की जरूरत
गोलकीपर फातिमा ने कहा कि जिन लोगों ने तालिबान की वापसी के बाद अफगानिस्तान की सोशल मीडिया तस्वीरें देखी हैं, वे समझ सकते हैं कि खिलाड़ियों को अपना घर छोड़ने के लिए कितने साहस की जरूरत है. वे समझ सकते हैं कि उस स्थिति में रहना हम सभी के लिए कितना कठिन और चुनौतीपूर्ण था. आज हम एक टीम के रूप में खेल रहे हैं. यह अविश्वसनीय है.
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शर्ट पर नंबर अंकित लेकिन नाम नहीं
रविवार के मैच से कुछ दिन पहले मेलबर्न विक्ट्री ने अफगान महिला टीम को लाल किट गिफ्ट की. इस किट में पूरी तरह से अफगान राष्ट्रीय ध्वज को दिखाने वाली शर्ट थी. खास बात यह है कि सुरक्षा के लिहाज से शर्ट पर नंबर अंकित हैं लेकिन अफगानिस्तान में खिलाड़ियों के परिवारों की सुरक्षा के लिए नाम नहीं लिखा गया है.
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