डीएनए हिंदी: देश की खेल प्रतिभाएं प्रोत्साहन के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही हैं. कुछ दिनों पहले जालंधर की मूक-बधिर शतरंज खिलाड़ी मलिका हांडा ने सरकार पर वादाखिलाफी का बड़ा आरोप लगाया था. अब हरियाणा के मूक बधिर खिलाड़ी वीरेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया के जरिए अपने हक की आवाज उठाई है.
वीरेंद्र सिंह ने ट्विटर पर कहा, माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी क्या मैं पाकिस्तान से हूं? कब बनेगी कमेटी, कब मिलेंगे समान अधिकार. माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, जब मैं आपसे मिला आपने ही कहा था हम आपके साथ अन्याय नहीं होने देंगे, अब आप ही देख लो!
चार बार के डेफलंपिक्स चैंपियन
35 साल के वीरेंद्र सिंह 'गूंगा पहलवान' के नाम से जाने जाते हैं. अखाड़े में उनके दांव-पेच के आगे अच्छे खासे पहलवान खौफ खाते हैं. वीरेंद्र को पद्श्री और अर्जुन अवॉर्ड जैसे सम्मान मिल चुके हैं. वह चार बार डेफलंपिक्स चैंपियन रह चुके हैं. वहीं तीन बार डेफवर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीत चुके हैं. वह अपने सोशल मीडिया पर पहचान के तौर पर लिखते हैं- बोल-सुन नहीं सकता लेकिन अपनी कलम से लिख सकता हूं.
क्या है मामला?
दरअसल वीरेंद्र का कहना है कि वर्ष 2016, 2017 में गोल्ड मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार ने 8 करोड़ देने की घोषणा की थी और A ग्रेड की नौकरी का भी वादा किया था. साल 2015 में उन्हें जूनियर कोच लगाया था और आज भी वह जूनियर कोच हैं. उन्होंने हरियाणा के खेल एवं युवा मामले के निदेशक आईपीएस पंकज नैन से सवाल किया कि मेरे साथ भेदभाव क्या इस आधार पर हो रहा है कि मैं सुन-बोल नहीं सकता?
पंकज नैन ने वीरेंद्र के सवाल पर कहा था कि उन्हें पहले ही हरियाणा सरकार द्वारा 1.20 करोड़ नकद पुरस्कार दिया जा चुका है, जो देश में सबसे अधिक है. वह पहले से ही खेल विभाग हरियाणा में कार्यरत हैं. उन्हें पैरालंपियन के समान ग्रुप बी पोस्ट की पेशकश की गई थी जिसे उन्होंने लेने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, उनकी शिकायतों को देखने के लिए समिति का गठन पहले ही ओलंपियन और पैरालिंपियन पदक विजेताओं के साथ किया जा चुका है. इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने की उम्मीद है.
पंकज नैन ने कहा, वीरेंद्र हमारे स्टार खिलाड़ी हैं और अन्य सभी ओलंपियनों की तरह पैरालिंपियन पर हमें गर्व है. हरियाणा देश में सबसे अच्छी खेल नीति रखने वाला राज्य है. यदि आवश्यक हुआ तो सभी हितधारकों को शामिल करते हुए परिवर्तन किया जाएगा.
4 साल से मदद की दरकार
वीरेंद्र के दोस्तों का कहना है कि वह करीब 4 साल से अपने हक के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से मुलाकात कर रहे हैं लेकिन सरकार की वादाखिलाफी जारी है. 9 नवम्बर 2021 को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री से नवाजा गया तब पीएम मोदी से उनकी मुलाकात हुई और उन्होंने वहां अपनी बातें रखी. तब पीएम ने आश्वासन दिया कि हम किसी के साथ भेदभाव नहीं होने देंगे.