डीएनए हिंदी: पूर्व सीएजी विनोद राय इस वक्त अपनी नई किताब को लेकर चर्चा में हैं. अपनी किताब में उन्होंने खुलासा किया है कि महिला क्रिकेट टीम को कभी भी वह सम्मान और सुविधाएं नहीं मिलीं जिसकी वो हकदार है. उन्होंने बताया कि 2017 वर्ल्ड कप में टीम को सेमीफाइनल मुकाबले से पहले ठीक से खाना भी नहीं मिला था. विनोद राय ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के COA के तौर पर भी काम किया था.
महिला क्रिकेट को नहीं मिला सम्मान
विनोद राय ने द वीक से बात करते हुए कहा, 'मुझे नहीं लगता महिला क्रिकेट को कभी भी वैसा सम्मान और महत्व मिला है जिसकी वह हकदार थी. दुर्भाग्य से 2006 तक महिला क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लिया गया था.' किताब में उन्होंने आगे कहा कि जब शरद पवार ने महिला और पुरुष क्रिकेट एसोसिएशन को आपस में मिलाने का फैसला लिया तो स्थिति में सुधार आया था.
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वर्ल्ड कप मैच के पहले सिर्फ समोसा मिला था
विनोद राय ने अपनी किताब में कहा है कि मुझे अफसोस है मैं भी शुरुआती कार्यकाल में महिला क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाया था. हरमनप्रीत ने 2017 के महिला वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रनों की पारी खेली थी. उसने मुझे बताया कि सर मुझे क्रैम्प आ गए थे इसलिए केवल छक्के मारने पड़ रहे थे, रनों के लिए भागा नहीं जा रहा था. तब पता चला कि उनको होटल में खाना नहीं मिला था. सुबह के समय उनको समोसा ही खाना पड़ा था.
पुरुष क्रिकेटरों की जर्सी से काम चलाती थी महिला टीम
महिला क्रिकेटरों के लिए सुविधाओं का भी अभाव था. विनोद राय ने कहा कि मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि पुरुष क्रिकेटरों की जर्सी को काटकर उनकी फिटिंग की जाती है और उस पर महिला खिलाड़ियों का नाम लिखा होता है. इसके बाद मैंने नाइकी से बात की थी और फिर महिला क्रिकेटरों के लिए भी ठीक जर्सी की व्यवस्था हो पाई थी.
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