डीएनए हिंदी: जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर के स्पॉट फिक्सिंग को लेकर खुलासे के बाद आईसीसी की एंटी करप्शन यूनिट ने उनपर क्रिकेट से साढ़े तीन साल के लिए बैन लगा दिया है. उन्होंने करप्शन की रिपोर्ट क्रिकेट की शीर्ष संस्था तक पहुंचाने में देरी की इस वजह से आईसीसी ने यह सजा सुनाई है.
शुक्रवार को एक रिलीज में आईसीसी ने कहा कि टेलर ने बैन स्वीकार कर लिया है और यह 28 जनवरी से शुरू हो रहा है. टेलर ने डोपिंग कोड के उल्लंघन के एक आरोप को भी स्वीकार किया है. उन्होंने कोकीन के लिए सकारात्मक परीक्षण किया था.
35 साल के टेलर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आपबीती बताने के बाद अभी रिहैबिलिटेशन क्लिनिक में भर्ती हैं. आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि टेलर ने चार मामलों में एसीयू कोड का उल्लंघन किया जिसमें मामले का खुलासा करने में विफल रहना, कथित भ्रष्टाचारियों से उपहार और नकद प्राप्त करना शामिल है.
जांच में बाधा डालने का आरोप
टेलर पर एसीयू जांच में बाधा डालने या देरी करने का भी आरोप लगाया गया था क्योंकि उन्होंने पहले मामले की रिपोर्ट करने में देरी की और फिर कथित आरोपी 'मिस्टर एस' के साथ किए गए मैसेज भी डिलीट कर दिए.
मिस्टर एस के साथ टेलर की पहली बात सितंबर 2019 में या उसके आसपास हुई थी. ICC की ओर से प्रकाशित केस की डीटेल के अनुसार खिलाड़ी ने मार्च 2020 तक ACU से संपर्क नहीं किया. जबकि ऐसे मामले में सबसे पहले आईसीसी से संपर्क किया जाना चाहिए था.
टेलर ने अक्टूबर 2019 में भारत में बुकी से मुलाकात की थी. स्पॉट फिक्सिंग के लिए उन्हें 15,000 डॉलर दिए गए. उन्हें एक नया फोन, स्थानीय मुद्रा और साथ ही नए कपड़े भी उपहार में दिए गए.
आईसीसी ने कहा है कि टेलर ने एंटी करप्शन ट्रिब्यूनल हीयरिंग के सामने सुनवाई के बजाय आरोपों को स्वीकार करने की मंजूरी दी है. उनका पिछला रिकॉर्ड देखते हुए उनकी सजा भी कम की गई है.
क्या है पूरा मामला?
पूर्व खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर ने पिछले दिनों सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए आपबीती बताई थी. टेलर ने कहा था कि उन्हें जिम्बाव्वे में होने वाली टी 20 लीग पर चर्चा करने के लिए किसी ने भारत बुलाया था. उन्होंने आगे कहा कि हमने रात को शराब पी और उन्होंने मुझे खुलेआम कोकीन की पेशकश की. मैंने भी मूर्खतावश इसका सेवन कर लिया.
अगली सुबह वही लोग मेरे होटल के कमरे में आए और मुझे कोकीन का सेवन करते हुए एक रात पहले का वीडियो दिखाया. उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैंने उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मैचों में स्पॉट फिक्स नहीं किया तो वीडियो वायरल कर दिया जाएगा.
उन्होंने मुझे 15 हजार डॉलर दिए लेकिन बताया गया कि यह अब स्पॉट फिक्सिंग के लिए दिए जा रहे हैं. काम पूरा होने के बाद अतिरिक्त 20,000 डॉलर का भुगतान किया जाएगा. टेलर ने स्वीकार किया कि उन्हें आईसीसी को रिपोर्ट करने में देरी हुई थी.