डीएनए हिंदी: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वुमन वर्ल्ड कप के 'करो या मरो' के मुकाबले में भारतीय टीम को निराशा हाथ लगी. भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई. मैच में लास्ट ओवर में जबर्दस्त ड्रामा देखने को मिला. अंतिम ओवर की पांचवीं गेंद टर्निंग पॉइंट साबित हुई. दीप्ति शर्मा की यह गेंद नो बॉल करार दे दी गई और इसके साथ ही भारतीय टीम का वर्ल्ड कप का सपना भी टूट गया.
दीप्ति की गेंदबाजी असाधारण
वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतिम ओवर की नो-बॉल के बारे में बात करते हुए मिताली ने कहा, ये नो-बॉल भारत की याद में नहीं है. मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच याद है, वहां भी आखिरी ओवर था. मुझे लगता है एक बल्लेबाज के रूप में और यहां तक कि एक गेंदबाज के रूप में दीप्ति का प्रदर्शन शानदार रहा है. वह पिछले कुछ एकदिवसीय मैचों में नहीं खेली थी लेकिन आज उसने जिस तरह से गेंदबाजी की वह असाधारण थी.
दीप्ति के बारे में आगे बात करते हुए मिताली ने कहा, वह भारत और विदेशों में खेलने का अपना पूरा अनुभव लेकर आई. झूलन गोस्वामी को गेंदबाजी विभाग में बहुत अनुभव है लेकिन उनकी कमी खली. दीप्ति जिस तरह से सीमित ओवर प्रारूम में गेंदबाजी करती हैं उन्हें पता था कि अंतिम ओवर में किस तरह से गेंदबाजी करनी है.
अभी मेरे पास इमोशन नहीं
टूर्नामेंट से बाहर होने के बाद अपनी भावनाओं के बारे में पूछे जाने पर मिताली ने कहा, ईमानदारी से अभी मेरे पास कोई इमोशन नहीं हैं. मैं सिर्फ यह जानने की कोशिश कर रही हूं कि मैच कैसे हुआ. मैं सवाल का आपके जवाब देने के लिए खुद को तैयार कर रही हूं. संभवत: कल यह मुझ पर असर करेगा किसी समय हमें निराशा का सामना करना पड़ेगा. यह एक प्रक्रिया है, इसमें समय लगेगा.
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