डीएनए हिंदी: आईपीएल 2022 के पहले मैच (MI vs DC) में तबाही मचाकर नाबाद 81 रन ठोक चुके ईशान किशन (Ishan Kishan) को पैर में चोट लग गई. पारी के 18वें ओवर में शार्दुल ठाकुर की लो-फुल टॉस गेंद से उनका पैर चोटिल हो गया. इसके बाद ईशान असहज दिखे लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी करना जारी रखा और अपनी टीम के लिए 20 ओवर में 177 रन का स्कोर खड़ा किया. ईशान की यह स्पिरिट क्रिकेटप्रेमियों का दिल जीत गई.
मुंबई का अगला मुकाबला 2 अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स से होगा. इस मुकाबले से पहले डीएनए हिंदी ने ईशान किशन के बचपन के कोच और मेंटर उत्तम मजूमदार (Uttam Majumdar) से बात की. उत्तम ने DNA Hindi से खास बातचीत में बताया कि आखिर कोई भी चोट ईशान किशन पर असर क्यों नहीं कर पाती? उत्तम ने ईशान की खूबियों पर भी बात की है...
टांके लगने के बाद बोला-चलो मैच पूरा करते हैं
कोच उत्तम मजूमदार ने ईशान के बचपन का एक किस्सा सुनाते हुए कहा, अंडर 14 के एक मैच में ईशान की उम्र 6 साल रही होगी. वह 11 रन बनाकर खेल रहा था कि अचानक एक बॉलर की गेंद उसकी नाक पर लगी और वह लहूलुहान हो गया. मैं उसे उठाकर अस्पताल दौड़ा तो मेरी टीशर्ट खून से सन गई. वहां उसे छह टांके लगे, जब हम वापस आ रहे थे तब ईशान ने कहा, चलो मैच पूरा करते हैं.
इसी तरह आईपीएल में गुजरात लायंस के लिए खेलते हुए वह बुरी तरह इंजर्ड हो गया था. दो दिन आईसीयू में रहा लेकिन जब मैदान पर लौटा तो फिफ्टी ठोक दर्शकों को चकित कर दिया. आपको याद होगा कि फरवरी 2022 में उसे श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी 20 में 146 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बॉल लगी, एक बार वह फिर आईसीयू में रहा और अब आईपीएल 2022 में तूफान बनकर लौटा है. ईशान की यही स्पिरिट उसकी ताकत है. कोई भी चोट उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाती. वह उसी हिम्मत के साथ लौटता है और धूम मचा देता है.
पहले ही बता दिया था- इंडिया के लिए खेलेगा
कोच उत्तम मजूमदार ने कहा, जब ईशान मेरे पास आया था तब वह 5 से 6 साल का था. उसके साथ मेरा 17 साल से ज्यादा का रिलेशन है. ईशान का पहला इंस्टिंक्ट देखते ही मैंने उसके पिता को बता दिया था कि ये लड़का इंडिया के लिए खेलेगा. 23 साल के ईशान ने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है. मैं और एमएस धोनी भाई रणजी ट्रॉफी कैंप में थे. मैं बिहार क्रिकेट एकेडमी का मुख्य कोच और प्लेयर था. उसे स्काउट करने और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी मैंने ली. जब बिहार में उसे मौके नहीं मिले तो झारखंड भेजा. उसने अपने मौकों का भरपूर फायदा उठाया और आज उसे आप इस मुकाम पर देख सकते हैं.
ईशान में ऐसा क्या है, जो दूसरों में नहीं है?
इस सवाल के जवाब में कोच ने कहा, हिम्मत, साहस और ऐसा जुझारूपन जो किसी भी स्थिति में अपनी बैटिंग को संभालने की क्षमता रखता है. यही ईशान की खूबी है. वह बहुत नेचुरल है. जैसे सचिन तेंदुलकर नेचुरल थे वैसे ही ईशान अपने गेम में बहुत नेचुरल है. मैंने उसके मेंटर की भूमिका ज्यादा निभाई है. एक क्रिकेटर को मेंटली बहुत स्ट्रॉन्ग होना पड़ता है. जब वह निराश होने लगता है तो मैं ढाल की तरह खड़ा हो जाता हूं.
ईशान इंसान कैसे हैं?
जवाब: डाउन टू अर्थ! वह मेरे दिवंगत पिता को बहुत मानता है. यहां तक कि अपनी पहली 'मैन ऑफ द मैच' ईनिंग उसने मेरे पिता के नाम की थी. दरअसल, उसने 14 मार्च 2021 को अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था. उससे पहले 4 मार्च को मेरे पिता का देहांत हो गया. डेब्यू मैच में ईशान ने 32 गेंदों में 56 रन जड़े थे. उसने मैन ऑफ द मैच पिता को समर्पित किया. अभी कुछ दिन पहले जब उनकी पहली बरसी थी तब ईशान 45 मिनट तक वीडियो कॉल पर रहे. थककर चूर होने के बावजूद घर में जो पूजा हुई वह उसका हिस्सा रहे. ईशान एक बेहतरीन इंसान हैं.
आईपीएल 2022 में सबसे महंगे खिलाड़ी हैं ईशान, इसपर क्या कहेंगे?
जवाब: उसने कभी पैसों पर ध्यान नहीं दिया. मैंने उसे हमेशा एक ही बात कही है कि बेटा लाइफ में इन चीजों पर कभी इतना ध्यान नहीं देना. बस अपने खेल पर ध्यान लगाना. ये सब अपने आप मिल जाएगा. इस खेल से अपने आपको, अपनी कंट्री को आगे बढ़ाना है. अपने फिजिक और स्किल को इंप्रूव करना है. भारतीय टीम के लिए आपको इतिहास रचना है. अब कुछ ही दिन में एशिया कप और दो वर्ल्ड कप आने वाले हैं, उसके लिए तैयारी करनी है.
इस आईपीएल में ईशान कितने रन ठोकेंगे?
जवाब: मैंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ पहले मैच से पहले ही कह दिया था कि आज ईशान सेंचुरी ठोक सकता है. यदि उस दिन कुछ गेंद और मिलतीं तो वह इसे पूरा कर देता. उस दिन उसने नाबाद 81 रन बनाए. उसके पास कूट-कूटकर टेलेंट भरा है. उसकी बल्लेबाजी में शॉट्स खेलने की नेचुरल एबिलिटी है. वह किसी भी बॉलर से कभी नहीं डरता. ईशान अगले मैच में अपनी फिफ्टी को बरकरार रखेगा.
आपने उन्हें किस तरह कोचिंग दी है?
जवाब: कोचेज को फिलॉसफर, साइंटिस्ट और रिसर्चर होना चाहिए तब जाकर वह टेलेंट को निखार पाते हैं. कोचिंग का पार्ट सिर्फ गेंद, बल्ला नहीं है जब तक उसे इंवेंशन नहीं करना नहीं आएगा वह बच्चे की प्रतिभा को बाहर नहीं निकाल पाएगा. उसके गुणों पर काम नहीं कर पाएगा. मैंने ईशान को बोला है कि जब भी प्रैशर फील हो रिलेक्स हो जाना है. 90 प्रतिशत केस में ज्यादातर विकेट गिरने के बाद क्रिकेटर को स्ट्रैस हो जाता है ऐसे में वह आउट हो जाता है लेकिन ऐसी सिचुएशन में स्ट्रैस फ्री होकर अपनी काबिलियत का प्रदर्शन करो, ज्यादा से ज्यादा गेंद खेलोगे तो कॉन्फिडेंस बढ़ता चला जाएगा और रन बनते चले जाएंगे.
ईशान किशन का भविष्य क्या है?
जवाब: आने वाले समय में ईशान नेतृत्व के रोल में रहेंगे. वह ग्रेट टीम मैन है. उसके अंदर वह एबिलिटी है. वह भारतीय टीम का कैप्टन बनेगा.
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