ISL IN Controversy: गोल विवाद के बीच केरल ब्लास्टर्स का वॉकआउट, रेफरी ने किया 23 मिनट इंतजार, फिर बेंगलुरु एफसी को विजेता घोषित किया

कुलदीप पंवार | Updated:Mar 04, 2023, 12:03 AM IST

ISL Playoff Match

Kerala Blasters vs Bengaluru FC: सुनील छेत्री ने मैच के 7वें अतिरिक्त मिनट में क्विक फ्री-किक पर गोल किया, जिसे केरल गलत बता रहा था.

डीएनए हिंदी: Sunil Chhetri News- भारत की इकलौती प्रोफेशनल फुटबॉल टूर्नामेंट इंडियन सुपर लीग (Indian Super League) का पहला प्लेऑफ मैच विवादों के बीच खत्म हुआ. यह मैच केरल ब्लास्टर्स और बेंगलुरु एफसी (Kerala Blasters vs Bengaluru FC) के बीच खेला गया. पूरे मैच में दबदबा बनाने के बावजूद गोल नहीं कर पाई केरल ब्लास्टर्स (Kerala Blasters) ने  मैच से उस समय वॉकआउट कर दिया, जब अतिरिक्त 7वें मिनट में स्टार फुटबॉलर सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) ने फ्रीकिक पर गोल कर दिया. रेफरी ने इसे मान्य गोल करार दिया, जबकि केरल ब्लास्टर्स का मानना था कि गोल को सही तरीके से नहीं किया गया था. इसी विवाद में केरल ने मैच को बीच में ही छोड़ दिया और बेंगलुरु एफसी (Bengaluru FC) ने सेमीफाइनल में जगह बना ली है. यह बेंगलुरु एफसी टीम की लगातार 9वीं जीत है.

पूरा मैच में छाई रही केरल की टीम

बेंगलुरु के श्री कांतिरावा स्टेडियम (Sree Kanteerava Stadium) में खेले जा रहे मैच में केरल ब्लास्टर्स के खिलाड़ियों ने दोनों हाफ में बेहतरीन मूव बनाए और गेंद पर ज्यादातर समय पकड़ बनाए रखी. हालांकि जोरदार खेल के बावजूद वे बेंगलुरु एफसी के गोलपोस्ट में खड़े गुरप्रीत सिंह संधू (Gurpreet Singh Sandhu) की दीवार को पार नहीं कर पाए. 

90 मिनट का समय खत्म होने के बाद एक्सट्रा टाइम में भी केरल ब्लास्टर्स ही भारी दिखा, लेकिन इसी बीच 97वें मिनट (अतिरिक्त 7वां मिनट) में सुनील छेत्री ने एक क्विक फ्रीकिक पर गोल दागकर सभी को हैरान कर दिया. केरल ब्लास्टर्स के खिलाड़ियों ने रेफरी से बात कर इस गोल को करने में तकनीकी खामी का इशारा किया, लेकिन रेफरी ने गोल को वैध करार देते हुए बेंगलुरु एफसी को 1-0 की बढ़त दे दी. इस निर्णय पर केरल ब्लास्टर्स के कोच इवान वुकोमानोविक (Ivan Vukomanovic) नाराज हो गए और खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुला लिया.

23 मिनट तक केरल के लौटने का किया इंतजार

केरल ब्लास्टर्स के वॉकआउट के बावजूद मैच खत्म घोषित नहीं किया गया. रेफरी केरल की टीम की वापसी का इंतजार करते रहे, जबकि बेंगलुरु एफसी के प्लेयर्स अपने विजेता घोषित होने की घड़ियां गिनते रहे. मैच में एकस्ट्रा टाइम 30 मिनट का होता है. मैच के 120वें मिनट में एक्सट्रा टाइम खत्म होते ही रेफरी क्रिस्टल जॉन ने फाइनल व्हिस्ल बजाई और बेंगलुरु एफसी को विजेता घोषित कर दिया. हालांकि इस निर्णय के बाद जॉन और मैच कमिश्नर अमित धरप के बीच पिच पर कुछ बातें होती देखी गई. यह बेंगलुरु की साल 2023 में 9वीं लगातार जीत है. 

बेंगलुरु एफसी के कोच जीतकर भी दिखे नाखुश

बेंगलुरु एफसी के कोच साइमन ग्रेसन (Bengaluru FC coach Simon Grayson) मैच में जीत के बावजूद नाखुश दिखे. उन्होंने ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर्स से बातचीत में कहा, आप इस तरीके से कोई मैच नहीं जीतना चाहते हैं. मुझे फुटबॉल में 40 साल हो गए. मैंने कभी एक टीम को वॉकआफ करते नहीं देखा. मैं थोड़ा निराश महसूस कर रहा हूं. मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, लेकिन मैंने इवान से मैच जारी रखने का आग्रह किया था. अब बेंगलुरु का डबल लेग सेमीफाइनल मैच में मुंबई सिटी एफसी से सामना होगा. टूर्नामेंट के एक अन्य प्लेऑफ मैच में शनिवार को एटीके मोहन बागान (ATK Mohun Bagan) ओडिशा एफसी (Odisha FC) की मेजबानी करेगा.

9 साल में ISL में पहला बड़ा विवाद

यह ISL के इतिहास में पिछले 9 साल में पहला बड़ा विवाद है. आखिरी बार बड़ा विवाद दिसंबर, 2015 में हुआ था, जब चेन्नइयन एफसी (Chennaiyin FC) के स्ट्राइकर एलानो (Elano) को मरगांव में हुए फाइनल मैच में एफसी गोवा (FC GOA) को हराने के बाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया था. इस घटना के बाद श्रीनिवास डेंपो (Srinivas Dempo) और शिवानंद सालगावकर (Shivanand Salgaocar) को बाहर निकलना पड़ा था और एफसी गोवा को नए मालिक मिले थे. 

भारतीय फुटबॉल में किसी मैच के बीच में ही खत्म हो जाने का कारनामा आखिरी बार दिसंबर 2012 में देखा गया था, जब मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच I-League मैच बीच में रोक दिया गया था. 

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