डीएनए हिंदी: दुनिया की सबसे बड़ी और अमीर क्रिकेट लीग IPL से कई खिलाड़ी मुकाबले शुरू होने से पहले ही नाम वापस ले लेते हैं तो कई खिलाड़ी बीच में ही लीग छोड़कर चले जाते हैं. अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक ऐसी नीति लाने पर विचार कर रहा है जो खिलाड़ियों को बिना पर्याप्त कारण के आईपीएल से बाहर होने से रोकेगी. यह कदम कुछ फ्रेंचाइजी द्वारा दिए गए सुझावों के बाद आया है.
फ्रेंचाइजी को होता है नुकसान
आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल (जीसी) की हालिया बैठक में सदस्यों के बीच नीलामी में कम शुल्क पर खरीदे जाने के बाद खिलाड़ियों के बाहर निकलने से रोकने के तरीकों पर बहस हुई थी. क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, जीसी के एक सदस्य ने कहा, जीसी की फ्रेंचाइजी के प्रति जिम्मेदारी है. वह उसके स्टेकहोल्डर हैं. वे कई योजनाओं के बाद एक खिलाड़ी के लिए बोली लगाते हैं. अगर कोई खिलाड़ी कमजोर कारणों से बाहर निकलता है तो उनकी गणना खराब हो जाती है. उनके लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं. एक खिलाड़ी की वजह से वह अपनी टीम की योजना तैयार करते हैं, उसके हटने से फ्रेंचाइजी को नुकसान होता है.
सूत्र ने कहा, इस नीति के तहत कुछ खिलाड़ियों पर कुछ साल के लिए बैन लगाया जा सकता है. यह केस टु केस निर्भर करेगा और कार्रवाई शुरू होने से पहले इस पर रिसर्च किया जाएगा. हाल ही में अन्य कारणों से भी कई खिलाड़ियों ने नाम वापस ले लिए हैं. 2 करोड़ के गुजरात टाइटंस के खिलाड़ी जेसन रॉय ने कहा था कि वह परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं और अपने खेल पर काम करना चाहते हैं. बीसीसीआई ने इस बात का संज्ञान लिया है कि क्या खिलाड़ियों को बोर्ड हटने पर मजबूर कर रहे हैं.