डीएनए हिंदी: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेंचुरियन टेस्ट के दूसरे दिन मौसम साफ होने का इंतजार करते हुए ब्रॉडकास्टर्स ने दक्षिण अफ्रीका में मास्टरब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की टेस्ट बल्लेबाजी की चर्चा की.
सचिन तेंदुलकर की सबसे खास पारी में से एक 50वें टेस्ट शतक के बारे में ब्रॉडकास्टर्स ने कहा कि भारत के पूर्व बल्लेबाज ने 2010 में इसी मैदान पर ऐतिहासिक रन बनाए थे.
तेंदुलकर का दक्षिण अफ्रीका में अच्छा रिकॉर्ड है. महान बल्लेबाज ने छह बार साउथ अफ्रीका का दौरा किया और छह शतक बनाए. उन्होंने 1992 में जोहान्सबर्ग में शानदार 111 के साथ शुरुआत की, उसके बाद 1996 में केप टाउन में 169 रन ठोके थे.
पांच साल बाद तेंदुलकर ने जोहान्सबर्ग में 155 रन बनाए. 2006/07 के दौरे के दौरान जब तेंदुलकर ने डरबन में दक्षिण अफ्रीका का सामना किया, एक युवा गेंदबाज मोर्ने मोर्कल ने उसी टेस्ट में डेब्यू किया.
दक्षिण अफ्रीका के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाजों में से एक के रूप में संन्यास ले चुके मोर्कल ने खुलासा किया कि वह अपने डेब्यू पर बेहद नर्वस थे. वह यह जानते थे कि उन्हें महान तेंदुलकर को गेंदबाजी करके अपना करियर शुरू करना है.
मोर्कल ने कहा, "मैं आपको बताऊंगा. जब मैंने 2006 में पदार्पण किया. मैंने अपना पहला ओवर सचिन को फेंका. मुझे याद है कि पोली (शॉन पोलक) ने मुझे गेंद दी थी और मुझे मानो 'लकवा' मार गया. मैंने सोचा कि ठीक है मुझे अंतत: इसे करना होगा.
मोर्कल ने बायजू के क्रिकेट लाइव पर कहा, 2010 में यह वह टेस्ट मैच था जहां पहले दिन बहुत बारिश हुई थी. हम भारत को 130 रन पर गेंदबाजी करने में कामयाब रहे.
पांच साल बाद मोर्कल को तेंदुलकर को फिर से गेंदबाजी करने का मौका मिला. इस बार वह काफी आश्वस्त थे. तेंदुलकर के 111 रन की नाबाद पारी के बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने मैच जीत लिया लेकिन मोर्कल ने जिस सचिन की प्रतिभा को देखा वह आज भी उनके दिमाग में कल की तरह ताजा है.
मोर्कल ने कहा, बाद में बल्लेबाजी के लिए स्थितियां बेहतर हुईं लेकिन जिस तरह से वह उस दूसरी पारी में अपने खेले, वह देखने के लिए शानदार था. यह मेरे लिए एक विशेष स्मृति थी.