डीएनए हिंदी: भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली का कप्तानी विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही खबर सामने आई थी कि कोहली के बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के बयान को झुठलाने के बाद वह उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजना चाहते थे लेकिन सचिव जय शाह इस मामले में बीच में आए और उन्होंने इसे सुलझाने की कोशिश की.
सौरव गांगुली ने इस तरह के दावों को झुठला दिया है. उन्होंने कहा है कि यह सच नहीं है. गांगुली ने कहा, ये खबरें "सच नहीं हैं." गुरुवार को कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया था कि गांगुली विराट कोहली को कारण बताओ नोटिस भेजना चाहते थे. पिछले साल कोहली ने T20I कप्तान के रूप में पद छोड़ दिया था और फिर उन्हें ODI कप्तानी से हटा दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि चयनकर्ता सफेद गेंद के प्रारूप के लिए सिर्फ एक कप्तान चाहते थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ बवाल
कोहली को एकदिवसीय कप्तान के रूप में हटाए जाने के एक दिन बाद बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली ने कहा था कि उन्होंने विराट से नेतृत्व परिवर्तन के बारे में बात की थी और टी20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था.
हालांकि कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के लिए टीम इंडिया की रवानगी से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांगुली के बयान का खंडन कर दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें कभी भी T20I कप्तानी छोड़ने के लिए नहीं कहा गया था.
गांगुली ने तब कहा था कि विराट कोहली का टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान के रूप में पद छोड़ने का निर्णय "व्यक्तिगत" है. बीसीसीआई अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बोर्ड कोहली के फैसले का सम्मान करता है.
उन्होंने ट्वीट किया था कि विराट के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट ने खेल के सभी प्रारूपों में तेजी से प्रगति की है. उनका निर्णय व्यक्तिगत है और बीसीसीआई इसका सम्मान करता है. वह भविष्य में इस टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण सदस्य होंगे. पिछले हफ्ते कोहली ने भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में पद छोड़ दिया है.