डीएनए हिंदी: टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने शनिवार शाम टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से इस्तीफा देकर चौंका दिया. विराट इससे पहले टी 20 और आईपीएल टीम आरसीबी की कप्तानी छोड़ चुके हैं लेकिन वनडे टीम की कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते थे. बीसीसीआई ने टी 20 और वनडे के लिए एक ही कप्तान रखने का फैसला लिया तो उनसे कप्तानी ले ली गई और यहीं से शुरू हो गया कप्तानी विवाद.
हालांकि पिछले दिनों मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने इस विवाद को हल करने की कोशिश की लेकिन विराट को इस बारे में बार-बार चर्चा ने परेशान कर दिया. टीम इंडिया जब साउथ अफ्रीका टूर पर गई तो विराट के लिए यह बड़ा मुकाबला था.
चूंकि भारतीय टीम साउथ अफ्रीका में एक भी सीरीज नहीं जीत सकी है ऐसे में टीम यदि सीरीज जीतती तो इतिहास रचती लेकिन ऐसा नहीं हो पाया.
कहा यह भी जा रहा है कि सीरीज के फाइनल मैच के बाद विराट ने अपने फैसले के बारे में कोच राहुल द्रविड़, बीसीसीआई सचिव जय शाह और टीममेट्स को बता दिया था लेकिन इस बारे में किसी से चर्चा न करने की गुजारिश की थी. जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर इस्तीफे का ऐलान कर दिया.
Virat Kohli को क्यों देना पड़ा इस्तीफा? 5 पॉइंट्स में जानते हैं...
1. बीसीसीआई के साथ विवाद
विराट कोहली का बीसीसीआई के साथ विवाद इस्तीफे की सबसे बड़ी वजह हो सकता है. बीसीसीआई कहता रहा है कि बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच 'क्लियर कम्यूनिकेशन' है लेकिन विराट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहकर चौंका दिया था कि उन्हें वनडे की कप्तानी छोड़ने के बारे में तब बताया गया जब साउथ अफ्रीका के लिए टीम का ऐलान हुआ.
कोहली ने गांगुली के बयान का खंडन करते हुए कहा था कि उनकी बोर्ड अध्यक्ष से बात नहीं हुई थी और उन्हें वनडे कप्तानी से हटाए जाने के बारे में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चयन समिति की बैठक से 90 मिनट पहले बताया गया था. इसके बाद मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा ने विराट कोहली के इस बयान पर कहा था कि मेरी उनसे बात हुई थी. हमने उन्हें पहले ही इसके बारे में बता दिया था.
2. सफल कप्तान लेकिन आईसीसी ट्रॉफी नहीं जिता पाए
एक कप्तान के तौर पर हर खिलाड़ी इतिहास रचना चाहता है लेकिन विराट 68 टेस्ट मैचों में से 40 में जीत दर्ज करने के बाद भी टीम इंडिया को आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला पाए हैं. विराट चाहते तो 100वां टेस्ट खेलकर इस्तीफा दे सकते थे क्योंकि वह 99 टेस्ट खेलकर इसकी दहलीज पर खड़े थे लेकिन उन्होंने साउथ अफ्रीका में मिली हार के बाद इसका फैसला ले लिया. साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में एक विकेट पर उनकी खीज इस स्तर पर सामने आ गई कि उन्होंने स्टंप माइक पर जाकर डीआरएस को चुनौती दे दी. ब्रॉडकास्टर्स के साथ उनका यह व्यवहार क्रिकेट के गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
3. दो साल से शतक का सूखा
कोहली अपने प्रदर्शन पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं. दो साल से उनका बल्ला शतक नहीं जमा पाया है. जाहिर है एक बेहतरीन खिलाड़ी जब खुद के प्रदर्शन को गिरता देखता है तो उसका मनोबल गिरता है. कोहली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे मैच की पहली पारी में 79 और दूसरी में 29 रन बनाए. उनका औसत 2020 में 40.98 और 2021 में 44.07 रहा. जबकि 2017 में उनका टेस्ट औसत 76.24, 2018 में 54.33 और 2019 में 63.28 रहा था. पिछले दो सालों में कोहली का टेस्ट रिकॉर्ड खराब हुआ तो संभवतया उन्होंने मानसिक दबाव कम करने के लिए कप्तानी छोड़ने का निर्णय ले लिया. पिछला शतक उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में नवंबर 2019 में ही लगाया था. तब उन्होंने 136 रन की पारी खेली थी.
4. परिवार पर ध्यान
कोहली इन दिनों परिवार पर ध्यान दे रहे हैं. वह अक्सर परिवार के साथ समय बिताते नजर आते हैं. कई क्रिकेटर परिवार को समय देने के चलते टेस्ट से संन्यास तक ले चुके हैं. साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक उनमें से एक हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि विराट अब मेंटल प्रेशर से दूर रहकर परिवार पर फोकस करना चाहते हैं.
टीम इंडिया का नेतृत्व और लगातार सवाल खड़े होना उनके लिए चुनौतियां पैदा कर सकता था.
5. हार के बाद सवाल!
टीम इंडिया के कप्तान रहते विराट से जब साउथ अफ्रीका टूर पर पुजारा और रहाणे के प्रदर्शन पर सवाल किया गया तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि ईमानदारी से कहूं तो मैं यहां बैठकर बात नहीं कर सकता कि भविष्य में क्या होने वाला है. यह मेरे लिए यहां बैठकर चर्चा करने के लिए नहीं है, आपको शायद चयनकर्ताओं से बात करनी होगी. उनके मन में क्या है यह वही बेहतर बता सकते हैं यह मेरा काम नहीं है. कोहली लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूर रहने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें हार के बाद के सवाल लगातार परेशान कर रहे थे. शायद यही कुछ वजह विराट कोहली के इस्तीफे का कारण बनीं.