Crime News: महिला से 20 करोड़ की ठगी करने वाला 70 साल का बुजुर्ग अरेस्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 29, 2022, 11:26 AM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

दिल्ली के शाहदरा इलाके से एक 70 साल के बुजुर्ग को अरेस्ट किया गया है. आरोपी पर एक महिला से 20 करोड़ रुपये ठगी का आरोप है. आरोपी पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के धोखाधड़ी के आरोप हैं...

डीएनए हिन्दी: दिल्ली के शाहदरा इलाके से 70 वर्षीय बुजुर्ग को एक महिला से 20 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offences Wing ने बताया कि गिरफ्तार किए गए शख्स ने अलग-अलग लोगों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की है.आरोपी की पहचान प्रदीप पालीवाल (Pradeep Paliwal) उर्फ महेश गुप्ता के रूप में हुई है और वह भगोड़ा अपराधी करार दिया जा चुका था और पिछले 7 साल से फरार था.

जॉइंट पुलिस कमिश्नर(आर्थिक अपराध शाखा) छाया शर्मा ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, जनवरी 2014 में आरोपी प्रदीप पालीवाल ने शिकायतकर्ता को राजस्थान में ग्रेनाइट खनन के अपने व्यवसाय में 20 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए प्रेरित किया और उसे 50 लाख रुपये प्रति महीने भुगतान करने का आश्वासन दिया.

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इन आश्वासनों पर, शिकायतकर्ता निवेश करने के लिए सहमत हो गया और दोनों के बीच एक समझौता हुआ. फरवरी 2014 से सितंबर 2014 तक शिकायतकर्ताओं ने चेक/आरटीजीएस के माध्यम से 13.45 करोड़ रुपये और नकद में 3.15 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

लेकिन, आरोपी अपना वादा पूरा नहीं कर पाया. उसके बाद 2017 में दिल्ली पुलिस के ईओडब्ल्यू द्वारा आईपीसी की धारा 420, 406 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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अपराध करने के बाद, आरोपी प्रदीप पालीवाल ने अपने ठिकाने दिल्ली से दूसरे राज्यों यानी कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब में स्थानांतरित कर दिए. चूंकि वह एक वांछित अपराधी था, इसलिए वह विमान में यात्रा करने से बचता था और वह इन राज्यों में एक निजी पजेरो द्वारा यात्रा करता था, जो उसके बिजनेस पार्टनर के नाम पर रजिस्टर्ड था.

जॉइंट पुलिस कमिश्रनर कहा, 'वह कभी भी 24 घंटे से अधिक एक स्थान पर नहीं रहा. वह हजारों किलोमीटर की यात्रा करता था, चाहे बेशक उसे पंजाब से कर्नाटक तक ही क्यों न जाना हो.'

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आरोपी इंटरनेट के अज्ञात स्रोतों से जुड़े टेलीग्राम अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था और जिम्बाब्वे के मोबाइल नंबर का भी इस्तेमाल करता था. जांच के दौरान, उसके इंटरनेट के स्रोत की पहचान की गई और पाया गया कि ये नंबर फर्जी आईडी पर दर्ज किए गए थे. सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, 'तकनीकी और मैनुअल निगरानी के विश्लेषण के बाद पार्क होटल, शाहदरा के पास आरोपी व्यक्ति के स्थान का पता लगाया गया. होटल में पार्क किए गए सभी वाहनों की जांच की गई, जहां राजस्थान के नंबर से सफेद पजेरो खड़ा मिला.

जब पुलिस ने सभी तथ्यों का पता लगाया तो आरोपी प्रदीप पालीवाल को उसके सहयोगी विनायक भट्ट के साथ दिल्ली के कड़कड़डूमा के क्रॉस रिवर मॉल के पास से दबोच लिया गया. अधिकारी ने कहा, 'विनायक भट्ट को केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया क्योंकि वह उनके एक मामले में वांछित था. इसके अलावा, अन्य मामले की पूछताछ और जांच जारी है.'

आरोपी द्वारा किए गए अन्य आर्थिक अपराधों के बारे में बताते हुए जॉइंट पुलिस कमिश्नर शर्मा ने कहा कि 2006 में आरोपी पालीवाल ने कथित तौर पर जाली कागजात की मदद से अपने नाम पर एक एचएसआईडीसी प्लॉट दर्ज किया था, जिसके बारे में उद्योग विहार पुलिस स्टेशन, गुड़गांव में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 9 साल बाद 2015 में आरोपी ने पहले से ही गिरवी रखी संपत्ति पर एचडीएफसी बैंक से 12 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जिसे लेकर करोल बाग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उक्त प्राथमिकी की जांच ईओडब्ल्यू द्वारा की जा रही है.

2018 में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था, क्योंकि 28 करोड़ रुपये की ऋण राशि का भुगतान न करने के कारण उसका क्रेडिट अकाउंट एनपीए हो गया था. अधिकारी ने कहा कि उनकी कंपनी होलीस्टार भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में है.

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