6 साल की मिली थी सजा, कोर्ट से गायब हो गए कागज तो हाईकोर्ट ने कर दिया बरी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Dec 04, 2022, 07:36 PM IST

दिल्ली सरकार. (सांकेतिक तस्वीर)

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत का रिकॉर्ड नहीं मिलने पर गैर इरादतन हत्या के आरोपी को बरी कर दिया.

डीएनए हिंदी: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने निचली अदालत से 6 साल की सजा पा चुके एक दोषी को बरी कर दिया. इसकी वजह निचली अदालत से आरोपी के मामले का रिकॉर्ड गुम होना बताया. निचली अदालत से सजा मिलने के बाद दोषी ने हाईकोर्ट में अपील की थी. यहां जज ने उसे सजा मुक्त कर बरी कर दिया. 

दरअसल यह पूरा मामला दिल्ली का है. यहां गैर इरातन हत्या के आरोप में दिल्ली की निचली अदालत ने एक शख्स को दोषी करार दिया था. अदालत ने आरोपी को 6 साल की सजा सुनाई और जेल भेज दिया. इसके बाद अभियुक्त की तरफ से निचली आदेश के खिलाफ जाकर दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की गई. हाईकोर्ट ने अभियुक्त की याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख दी. हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि एवं सजा संबंधी निचली अदालत के आदेश के विरूद्ध अभियुक्त की ओर से दायर की गयी अपील पर सुनवाई शुरू की. 

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निचली अदालत में गुम हुआ रिकॉर्ड

हाईकोर्ट ने निचली अदालत से अभियुक्त के संबंधित रिकार्ड मांगा तो वह गायब मिला. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि हर अपीलकर्ता के पास अपीलीय अदालत को इस बात को लेकर संतुष्ट करने का अधिकार है कि उपलब्ध सामग्री (साक्ष्य) उसकी दोषसिद्धि को न्यायसंगत नहीं ठहराती है. हाईकोर्ट ने कहा कि अपील के चरण में हर आरोपी में अपनी बेगुनाही की धारणा रहती है. हाईकोर्ट ने ​रिकॉर्ड न मिलने पर निचली अदालत के छह साल की सजा पा चुके अभियुक्त को बरी कर दिया. 

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यह वजह बताते हुए जज ने किया बरी

इस मामले में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने आदेश में कहा कि ‘‘ मेरा मत है कि अपीलकर्ता की दोषसिद्धि को सही ठहराने के वास्ते अपील पर सुनवाई के लिए निचली अदालत के रिकॉर्ड पर गौर करना जरूरी है. हर अपीलकर्ता के पास अपीलीय अदालत को इस बात को लेकर संतुष्ट करने का अधिकार है कि उपलब्ध सामग्री (साक्ष्य) उसकी दोषसिद्धि को न्यायसंगत नहीं ठहराती है. यह एक बहुमूल्य अधिकार है जिससे अपीलकर्ता को वंचित नहीं किया जा सकता है.

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