CUET Exam 2022: परीक्षा में बराबर आए नंबर तो कैसे होगा चयन? DU कुलपति ने समझाई प्रक्रिया

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 14, 2022, 08:25 PM IST

दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार छात्रों का चयन CUET परीक्षा के आधार पर होगा जिसमें चयन की प्रक्रिया को लेकर कुलपति योगेश सिंह ने विस्तार से जानकारी दी है.

डीएनए हिंदी: दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के कुलपति योगेश सिंह ने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इस साल पहले दौर की काउंसलिंग में स्नातक पाठ्यक्रमों में अधिकतम सीटों को भरने के लिए अनारक्षित और अन्य पिछड़ा वर्ग के 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के 30 प्रतिशत छात्रों को प्रवेश देगा. इस प्रक्रिया को लेकर उन्होंने यह तर्क दिया है कि इससे साल भर खाली रहने वाली आरक्षित सीटों को भरने में भी मदद मिलेगी. 

इस साल विश्वविद्यालय नए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के माध्यम से कई कॉलेजों में स्नातक कार्यक्रमों में 70,000 सीटों की पेशकश करेगा. पिछले साल तक विश्वविद्यालय छात्रों के कक्षा 12 के अंकों के आधार पर कट-ऑफ जारी करता था. CUET-UG, 15 जुलाई से 10 अगस्त तक राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाएगा. CUET (UG) 2022 को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के अनुसार लगभग 14,90,000 उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किया गया है. डीयू के अधिकारियों के अनुसार, विश्वविद्यालय को 6.5 लाख से अधिक प्रवेश आवेदन प्राप्त हुए हैं. 

कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि परामर्श के लिए नियम और कानून बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, "पहले दौर में ही अधिकतम सीटें भरने के लिए यूआर और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) में हम 20 प्रतिशत अतिरिक्त प्रवेश लेंगे और एससी/एसटी वर्ग में 30 प्रतिशत अतिरिक्त प्रवेश लिया जाएगा." उन्होंने कहा, "इससे पहले दौर में अधिकतम छात्रों को उनकी पसंद मिल जाएगी. इससे आरक्षित सीटों को जल्दी भरने में भी मदद मिलेगी." विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई काउंसलिंग की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, कुलपति ने कहा कि छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रवेश पोर्टल पर फिर से अपनी प्राथमिकताएं भरनी होंगी.

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वहीं इस परीक्षा में यदि छात्रों के समान अंक आते हैं तो ऐसी स्थिति में उनके 12वीं के बोर्ड के अंक निर्णायक होंगे और उनके तीन विषयों के सर्वश्रेष्ठ अंकों की तुलना की जाएगी और फिर भी समान होने पर चार और फिर पांच अंकों की तुलना की जाएगी और फिर भी यदि अंक दोनों के समान रहते हैं तो टाइब्रेकर के तौर पर समान रहने पर पहले आवेदन करने वाले छात्र को सीट दी जाएगी. 

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