डीएनए हिंदी: कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ओला ने अपने ई-स्कूटर बेचने शुरू कर दिए हैं. दिल्ली पुलिस ने इसी कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. देश के अलग-अलग हिस्सों से इस गिरोह के 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस गिरोह ने कम से कम 1,000 लोगों को अपना शिकार बनाया. इस गिरोह के लोग ओला की ई-स्कूटी बेचने के नाम पर लोगों से पैसे ले लेते थे. इसके लिए गिरोह से जुड़े लोगों ने फर्जी वेबसाइट बना रखी थी. मामले में ज़्यादा जांच जारी है.
सूत्रों के मुताबिक, इस गिरोह से जुड़े लोग देश के अलग-अलग राज्यों में बैठकर ओला स्कूटी बेचने के नाम पर ठगी का धंधा चला रहे थे. इसमें से दो आरोपियों को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों ने ओला स्कूटी के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट डिजाइन की थी. इसी वेबसाइट के ज़रिए लोगों को चकमा दिया जाता था. बताया गया कि यह वेबसाइट सर्च इंजन में रैंक कर रही थी इसलिए लोग इसे असली मान बैठते थे.
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फर्जी वेबसाइट बनाकर कर दिया घोटाला
दिल्ली पुलिस की डिस्ट्रिक्ट साइबर क्राइम पुलिस ने इस गिरोह का फंडाफोड़ किया है. पुलिस का कहना है कि यह घोटाला करोड़ों रुपये का है. इसी केस के सिलसिले में बेंगलुरु, गुरग्राम और पटना में छापेमारी की गई. इन छापेमारियों में कुल 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही लोग ओला ई-स्कूटी के बारे में जानकारी लेने के लिए गूगल पर सर्च करते थे उन्हें यही वेबसाइट दिखती थी.
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पीड़ित इस वेबसाइट को खोलकर अपनी जानकारी सबमिट करते थे, तो बेंगलुरु में बैठे दोनों आरोपी पीड़ितों की डिटेल और उनके मोबाइल फोन नंबर दूसरे राज्यों में बैठे अपने गैंग के साथियों के साथ शेयर कर देते थे. इसके बादस तेलंगाना और बिहार में बैठे गैंग के दूसरे सदस्य पीड़ितों को फोन करके ओला स्कूटी बुक करने के नाम पर 499 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहते थे.
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जब पीड़ित इस गैंग के सदस्यों को 499 रुपये ट्रांसफर कर देते थे, तो गैंग के सदस्य स्कूटी के इंश्योरेंस स्कूटी के टैक्स और स्कूटी के ट्रांसपोर्टेशन चार्जेस के नाम पर एक-एक पीड़ित से तकरीबन 60 से 70 हज़ार रुपये वसूल लेते थे. अभी इस मामले में और आरोपियों की तलाश की जा रहा है. इस केस के पीड़ितों की संख्या बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है.
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