डीएनए हिंदी: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार को दावा किया कि सरकारी मोहल्ला क्लीनिक और विद्यालयों के ‘निरीक्षण’ के लिए गुजरात से यहां आया भाजपा प्रतिनिधिमंडल शासन के ‘केजरीवाल मॉडल’ में कोई खामी नहीं खोज पाया.
हालांकि बीजेपी की दिल्ली इकाई ने पलटवार करते हुए कहा कि सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेता पहले ‘प्रायोजित दौरे’ की पेशकश कर कर रहे हैं और फिर यह दावा कर रहे हैं कि प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक सुविधाओं में कोई खामी नहीं खोज पाया और वे लोग ऐसा कर प्रतिनिधिमंडल को लेकर अपनी ‘चिंता एवं हताशा’ प्रदर्शित कर रहे हैं.
BJP ने दिल्ली मॉडल को दिया था ‘फर्जी’ करार
गुजरात से भाजपा का यह प्रतिनिधिमंडल ‘दिल्ली मॉडल’ देखने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा था. भाजपा शासन के दिल्ली मॉडल को ‘फर्जी’ करार दे चुकी है. हालांकि आप का दावा है कि प्रतिनिधिमंडल यह सीखने आया था कि कैसे गुजरात में लोगों को अच्छे विद्यालय और अस्पताल मुहैया कराए जा सकते हैं. सिसोदिया ने कहा, ‘हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि दो दिनों तक दिल्ली में घूमने के बाद भी वे हमारे विद्यालयों एवं मोहल्ला क्लीनिक में कोई खामी नहीं निकाल पाए.
उन्होंने उत्तर-पूर्व दिल्ली में एक मोहल्ला क्लीनिक के बाहर की तस्वीर ली ताकि यह दर्शाया जा सके कि यह बंद था. लेकिन वह क्लीनिक एनजीटी के आदेश के चलते लंबे समय से बंद है.’ उन्होंने कहा कि यह अच्छा विचार है कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल एक-दूसरे से सीखने के लिए दूसरे राज्यों में जाएं. उन्होंने कहा कि हम इस विचार के प्रति खुले हैं. हम उन प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हैं जो यहां आकर देखना चाहते है कि हम क्या कर रहे हैं. हमारा प्रतिनिधिमंडल भी वहां हो रहे कामों को देखने के लिए गुजरात जाएगा.
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता शंकर कपूर ने AAP से जानना चाहा कि यदि सारे सरकारी विद्यालय, मोहल्ला क्लीनिक एवं अस्पताल बेहतर स्थिति में हैं तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी क्यों चिंतिंत है. सिसोदिया अप्रैल में गुजरात के शिक्षा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में गये थे और उन्होंने वहां शिक्षा की खराब स्थिति की निंदा की थी.
भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी सरकार
उपमुख्यमंत्री से आज जब केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के एक अधिकारी को गिरफ्तार किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार की नीति भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की रही है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सीबीआई ने निगम में परामर्शदाता के रूप में दो उम्मीदवारों की भर्ती के लिए 91,000 रुपये की रिश्वत लेने के मामले में डीटीसी के उपमहाप्रबंधक और पांच अन्य को गिरफ्तार किया है.